सीएनटी-एसपीटी मामला. कांग्रेस 17 को करेगी विधानसभा का घेराव
रांची: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी आदिवासी जमीन का रक्षा कवच है़ सरकार आदिवासियों को संरक्षण देने के बजाय उनकी जमीन हड़पने के लिए कानून बना रही है़ ऊपर के दबाव में राज्य सरकार सीएनटी-एसपीटी मेें संशोधन कर रही है़ मालिकाना हक की बात कर आंखों में धूल झोंकने […]
रांची: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी आदिवासी जमीन का रक्षा कवच है़ सरकार आदिवासियों को संरक्षण देने के बजाय उनकी जमीन हड़पने के लिए कानून बना रही है़ ऊपर के दबाव में राज्य सरकार सीएनटी-एसपीटी मेें संशोधन कर रही है़ मालिकाना हक की बात कर आंखों में धूल झोंकने का काम हो रहा है़ श्री भगत शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे़.
उन्होंने कहा कि विकास की बात कही जा रही है, तो आज भी आदिवासी की जमीन पर सड़क, पुल-पुलिया, सरकारी आवास सबकुछ बन रहे है़ं अब किस तरह के विकास की बात हो रही है़ श्री भगत ने कहा कि सीएनटी कृषि भूमि पर लागू होता है़ कृषि योग्य भूमि से गैर कृषि योग्य भूमि के रूप जमीन का नेचर जैसे बदलेगा, वैसे ही वह सीएनटी के दायरे से वह बाहर होगा़.
उसके बाद सीएनटी नहीं, बल्कि ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट लगेगा़ सीएनटी की धारा 46, 47 और 48 लागू नहीं होगी. कांग्रेस नेता श्री भगत ने कहा कि सरकार एकतरफा बात कर रही है़ अफसरों की बातों का राजनीतिकरण कर सफाई दी जा रही है़ राजस्व बढ़ाने की बात कही जा रही है, तो रेवन्यू मैनुअल में कई उपाय बताये गये है़ं श्री भगत ने कहा कि झारखंड में पहले खनिजों की लूट हुई़ अब सीएनटी-एसपीटी में संशोधन कर कॉरपोरेट का उपनिवेश बनाया जा रहा है़ सरकार सचमुच आदिवासियों का भला चाहती है, तो फिर दूसरे उपाय क्यों नहीं करती़
आदिवासियों को कैसे ऋण, व्यवसाय की सुविधा मिले, थाना क्षेत्र का दायरा बढ़े, इस पर विचार होना चाहिए़ सरकार जमीन लेना चाहती है, तो उसके लिए वर्ष 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के दायरे में लिया जाये़ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी़ 17 नवंबर को विधानसभा का धेराव किया जायेगा़ मौके पर पार्टी नेता शमशेर आलम, आलोक कुमार दुबे, राजेश ठाकुर, ज्योति मथारू भी मौजूद थे़