शरीअत में बदलाव बरदाश्त नहीं करेंगे

रांची: राज्यसभा सांसद सह एदार-ए-शरीया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि तमाम मोरचों पर विफल सरकार तीन तलाक के नाम पर संविधान को खंडित करने का प्रयास कर रही है़ इसलाम को मानने वाला सब कुछ बरदाश्त कर सकता है, पर शरीअत में बदलाव नही़ं. इस मुद्दे पर 19 दिसंबर को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2016 2:16 AM
रांची: राज्यसभा सांसद सह एदार-ए-शरीया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि तमाम मोरचों पर विफल सरकार तीन तलाक के नाम पर संविधान को खंडित करने का प्रयास कर रही है़ इसलाम को मानने वाला सब कुछ बरदाश्त कर सकता है, पर शरीअत में बदलाव नही़ं.

इस मुद्दे पर 19 दिसंबर को राजधानी के रिसालदार बाबा मैदान में राज्यस्तरीय शरीअत बचाओ कांफ्रेंस का आयाेजन किया जायेगा. इसमें राज्य के कोने-कोने से लोग जुटेंगे़ यदि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा व सर्वे का काम वापस नहीं लिया, तो संसद का घेराव भी करेंगे़ वे शनिवार को थड़पखना में एदार-ए-शरीया के कार्यक्रम में संवाददाताआें से रू-ब-रू थे़.

उन्होंने कहा कि पर्सनल लॉ सर्वे का विषय नहीं है़ सरकार ने अपनी असफलताओं से ध्यान हटाने के लिए पर्सनल लॉ पर अटैक किया है़ भाजपा शासित राज्य दिनकर, गांधी व डॉ आंबेडकर से प्रभावित नहीं लगते़ हिटलर के वंशजों के हाथों में सत्ता व शासन आ चुका है़ रघुवर दास के शासन में पुलिसिया दमन हो रहा है़ मो मिन्हाज, रूपेश स्वांसी जैसे कई मामले है़ं उन्होंने कहा कि सच्ची बात कहना आज अपराध हो गया है़ आतंकवादियों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनने चाहिए, जहां समयबद्ध फैसला हो़ एक आम भारतीय मुसलमान मानता है कि आतंकवादियों को कारावास की जगह फांसी की सजा देनी चाहिए़ भोपाल जेल ब्रेक की हकीकत सोशल मीडिया में सामने आ चुकी है़ यहां पत्रकारिता को बैन किया जाता है़

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