हटिया-एर्नाकुलम ट्रेन से वेल्लोर जाने में सुविधा नहीं
सोनाली: 22837 हटिया-एर्नाकुलम ट्रेन से इलाज कराने के लिए वेल्लोर जानेवालों को सहूलियत नहीं होगी. काटपडी में इस ट्रेन का मात्र दो मिनट का स्टॉपेज है. ऐसे में वृद्ध व बीमार को सामान समेत उतरने या उतारने में दिक्कत होगी. वहीं रास्ते में सभी स्टेशनों में यह ट्रेन रुकती जाती है. यानी लोकल पैसेंजर का […]
सोनाली: 22837 हटिया-एर्नाकुलम ट्रेन से इलाज कराने के लिए वेल्लोर जानेवालों को सहूलियत नहीं होगी. काटपडी में इस ट्रेन का मात्र दो मिनट का स्टॉपेज है. ऐसे में वृद्ध व बीमार को सामान समेत उतरने या उतारने में दिक्कत होगी. वहीं रास्ते में सभी स्टेशनों में यह ट्रेन रुकती जाती है. यानी लोकल पैसेंजर का झमेला बना रहेगा. सिर्फ एसी की सुविधा होगी. वहीं ट्रेने के वेल्लोर पहुंचने का समय रात 12 बजे है. उस वक्त वेल्लोर की शहरी बस सेवा बंद रहती है.
ऐसे में स्टेशन पर ही चार-पांच घंटे रुकना होगा. यदि रिजर्व ऑटो की हैसियत नहीं है या आपके साथ कोई जानकार पुरुष नहीं है, तो दिक्कत हो सकती है. इस ट्रेन से वेल्लोरे जाने का मतलब है कि आप सप्ताह में सीएमसी का दो कामकाजी दिवस गंवा देंगे. इस ट्रेन से हटिया से सोमवार को चलेंगे, तो र बुधवार की सुबह पहुंचेंगे. ऐसे में आपके पास सिर्फ चार दिन बचेगा. इसमें भी शनिवार को आधा दिन व रविवार को पूरा दिन सीएमसी बंद रहता है.
ऐसे में सभी जांच कराकर दुबारा डॉक्टर को दिखाना संभव नहीं होगा. सामान्य केस को सीएमसी क्लिनिक दो दिन के अंतराल पर देखता है़ इसी बीच सभी जांच करानी होती है. ऐसे में आपको अगले सोम-मंगल तक रुकना होगा. पर यह ट्रेन फिर अगले बृहस्पतिवार को सुबह में लौटने के लिए मिलेगी. वहीं धनबाद- एलेप्पी (रोजाना है) से जाने से समय की भी बचत होगी. रांची से शनिवार को चलने पर सोमवार को दिखा सकते हैं. बहुत हुआ, तो अगले शनिवार तक चेकअप आदि करा कर लौट सकते हैं. धनबाद-एलेप्पी से लौटने से रांची में तो पूरा एक दिन बचता है. वहीं रविवार का इस्तेमाल सफर में होता है. इसी व्यवस्था में ट्रेन चलायी होती, तो कम से कम तीन/छह माह के अंतराल पर चेकअप कराने जानेवालों को सहूलियत होती.