आइपीएस की तरह मिले चिकित्सा सुविधा
रांची: एडीजी जैप रेजी डुंगडुंग ने डीजीपी को पत्र लिख कर कहा है कि सिपाहियों को भी आइपीएस की तरह चिकित्सा सुविधा दी जाये. इस व्यवस्था के लिए नीति निर्धारित करने के लिए सभी एडीजी और आइजी की बैठक बुलायी जाये. सिपाहियों का इलाज समय पर हो सके और इलाज पर आये खर्च की वापसी […]
रांची: एडीजी जैप रेजी डुंगडुंग ने डीजीपी को पत्र लिख कर कहा है कि सिपाहियों को भी आइपीएस की तरह चिकित्सा सुविधा दी जाये. इस व्यवस्था के लिए नीति निर्धारित करने के लिए सभी एडीजी और आइजी की बैठक बुलायी जाये. सिपाहियों का इलाज समय पर हो सके और इलाज पर आये खर्च की वापसी के नियमों को आसान बनाया जा सके. पत्र में उन्होंने कहा कि विभाग में आइपीएस की संख्या बहुत कम है और वे आर्थिक रूप से बहुत की मजबूत हैं.
वे ज्यादातर प्राइवेट चिकित्सकों से इलाज कराते हैं और प्रावधान के मुताबिक स्थानीय बाजार से दवा खरीद कर सरकार से प्रतिपूर्ति (वापसी) कर लेते हैं. आइपीएस की संख्या बहुत कम है, उन्हें इलाज के लिए हर तरह की सुविधाएं मिलती हैं और जिसकी संख्या ज्यादा है, उनके लिए चिकित्सकीय सुविधा न के बराबर है. चार अक्तूबर 2016 को लिखे गये पत्र की प्रति एडीजी ने सभी एडीजी व सभी आइजी को भेजी है. उन्होंने इससे पहले भी 30 सितंबर 2015 और 15 सितंबर 2016 को इससे संबंधित पत्र पुलिस मुख्यालय को लिखा था.
रिक्त है चिकित्सक का पद : पत्र के मुताबिक जैप, आइआरबी और एसआइएसएफ के कमांडेंट के द्वारा बताया जाता है कि जवान, कनीय पुलिस पदाधिकारी और उनके परिवार के सदस्यों के इलाज से संबंधित बिंदुओं को उठाया जाता रहा है. जैप, आइआरबी व एसआइएसएफ के विभिन्न वाहनियों में चिकित्सकों का पद स्वीकृत है, लेकिन चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. न ही कंपाउंडर, ड्रेस उपलब्ध हैं. पिछले दिनों हुई समीक्षा में पाया गया कि जैप, आइआरबी व एसआइएसएफ के जवानों व कनीय पुलिस पदाधिकारियों ने इलाज कराया. प्रावधान है कि दवा खरीद, चिकित्सकीय जांच व अन्य मदों में हुई व्यय की प्रतिपूर्ति की जा सकती है, लेकिन इसकी प्रक्रिया जटिल है. इस कारण जवान व कनीय पदाधिकारी इसका लाभ नहीं ले पाते.
बीमार होने पर सिपाहियों की समस्याओं के बारे में कमांडेंट के स्तर से जानकारी मिलती है. इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान मिलने में बहुत विलंब होता है. इस कारण उन्होंने पुलिस मुख्यालय को अनुरोध पत्र लिखा है, ताकि विभाग के निचले स्तर के जवानों को भी इलाज की बेहतर सुविधा मिल सके.
रेजी डुंगडुंग, एडीजी, जैप
एडीजी स्तर के अधिकारी विभाग के सिपाही की समस्या दूर करना चाहते हैं. पुलिस परिवार इसका स्वागत करता है. साथ ही पुलिस मुख्यालय और सरकार से आग्रह करता है कि वह एडीजी जैप के पत्र के आधार पर सिपाहियों के कल्याण के लिए कदम उठाये.
राकेश पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष, पुलिस मेंस एसोसिएशन