खाते में जमा होनेवाली राशि का देना है ब्योरा

रांची : केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 के नोट का लेन-देन बंद करने के फैसले के बाद बैंकों का काम बढ़ गया है़ सरकारी और निजी बैंकों के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने गाइडलाइन जारी की है. बैंकों को आरबीआइ की ओर से रिपोर्ट के लिए फॉरमेट दिये गये हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2016 1:17 AM
रांची : केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 के नोट का लेन-देन बंद करने के फैसले के बाद बैंकों का काम बढ़ गया है़ सरकारी और निजी बैंकों के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने गाइडलाइन जारी की है. बैंकों को आरबीआइ की ओर से रिपोर्ट के लिए फॉरमेट दिये गये हैं. इस फाॅरमेट में पूर्ण ब्योरा भरना है. बैंकों को प्रतिदिन 500 और 1000 के जमा होनेवाले नोटों की संख्या बतानी है़ 10 नवंबर से सभी बैंकों को प्रतिदिन रिपोर्ट भेजनी है़.

छोटे-बड़े खाते में 500 और 1000 के नोट जमा करनेवालों का भी ब्योरा देना है़ एक-एक खाते में किसने कितनी राशि जमा करायी, इसकी जानकारी भी मांगी गयी है़ ऐसे छोटे खाते पर विशेष निगरानी होगी, जिसमें महीनों से लेन-देन नहीं हुआ हो और केंद्र सरकार की घोषणा के बाद उसमें पैसे जमा किये जा रहे हो़ं जिन खातों में छोटे रकम की लेन-देन होती रही है, लेकिन उसमें अगर लाखों के ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, तो वैसे खाते पर विशेष नजर होगी़.
इधर, आरबीआइ ने बैंक कर्मियों और अधिकारियों को विशेष तौर पर अागाह किया है कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का हिस्सा न बने़ं किसी तरह के अवैध लेन-देन या योजना का हिस्सा ना बने़ं.
सीसी एकाउंट पर भी कड़ी निगरानी : बैंकों के कैश क्रेडिट एकाउंट धारकों पर विशेष निगरानी होगी़ कैश क्रेडिट के माध्यम से काले धन का लेन-देन ना हो, इसके लिए उपाय किये गये है़ं .सीसी एकाउंट में होनेवाले ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है़ पुराने रिकॉर्ड और लेने-देन का मिलान होगा़ सीसी एकाउंट में एकमुश्त बड़ी राशि जमा करनेवालों का डाटा तैयार होगा़.
लॉकर धारकों पर भी नजर
विभिन्न बैंकों के लॉकर धारकों पर भी सरकार की नजर है़ काला धन को बाहर करने के लिए सरकार ने कारगर योजना बनायी है़ नियमत: लॉकर में रखे गये सामान की जानकारी बैंकों को भी नहीं होती है़ लॉकर धारकों का ब्योरा और लॉकर के जगह की उपलब्धता की जानकारी जुटायी जा रही है़ बैंकों द्वारा उपलब्ध सूचना और दूसरे स्रोतों से जुटायी गयी जानकारी के आधार पर बड़े लॉकर धारकों पर सरकार की दूसरी एजेंसियां कार्रवाई करेंगी़

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