दोनों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि गुरुवार की रात होटल में मिथलेश की रिंग सेरेमनी का कार्यक्रम चल रहा था. कार्यक्रम में डीजे डांस का अयोजन किया गया था. कुछ डांस गर्ल को बुलाया गया था. वे डांस कर रही थीं. इसी दौरान शराब के नशे में मुकेश पांडेय भी उनके साथ डांस करने पहुंच गया. वह बेल्ट खोल कर हवा में लहराते हुए दबंगई दिखाते हुए डांस करने लगा. डॉ मुकेश ने विरोध करते हुए मुकेश पांडेय को ऐसा करने से मना किया. तब आक्रोश में मुकेश पांडेय ने डॉ मुकेश को एक थप्पड़ मारा.
इसके विरोध में और बदला लेने के लिए मुकेश पांडेय के साथ मारपीट की गयी थी. मारपीट के बाद उसे होटल के एक कमरे में ले जाकर सुला दिया गया था. वहां भी उसके साथ मारपीट की गयी. मुकेश पांडेय की हत्या करने का इरादा किसी का नहीं था, लेकिन मारपीट की वजह से उसकी मौत हो गयी.
उल्लेखनीय है कि मुकेश पांडेय मूल रूप से गढ़वा के मझिआंव थाना क्षेत्र के भंडरिया का रहनेवाला था. उसकी हत्या को लेकर शुक्रवार को कोतवाली थाने में छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. प्राथमिकी में डॉ मुकेश, डॉ अरूण देव, डॉ सचिन सिंह, बबन, पप्पू और रॉबर्ट के नाम शामिल थे. पुलिस के अनुसार प्राथमिकी में शामिल छह लोगों में से डॉ सचिन और बबन की गिरफ्तारी उनके घर से हुई थी. प्राथमिकी में शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ छापेमारी की गयी, लेकिन वे नहीं मिले. वहीं, कुछ दूसरे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डॉ सचिन और बबन ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था. जिसके बाद दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने शनिवार को होटल में काम करनेवाले वेटर का बयान भी लिया है, जिसमें मुकेश पांडेय के साथ मारपीट होने की पुष्टि हुई है.