झारखंड में नहीं चलेगा लूटखंड व झूठखंड

धुर्वा में कार्तिक उरांव जयंती समारोह सह जतरा में मुख्यमंत्री ने कहा रांची : अगले साल से प्रत्येक वर्ष जनजातीय महोत्सव मनाया जायेगा. स्वर्गीय कार्तिक उरांव के सपनों को हम साकार करेंगे. जात-पात, वर्ग, समुदाय से ऊपर उठ कर एक समरस, स्वाबलंबी एवं समृद्धशाली राज्य बनायेंगे. कुछ लोग समाज को गुमराह करना चाहते हैं. इन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2016 7:18 AM
धुर्वा में कार्तिक उरांव जयंती समारोह सह जतरा में मुख्यमंत्री ने कहा
रांची : अगले साल से प्रत्येक वर्ष जनजातीय महोत्सव मनाया जायेगा. स्वर्गीय कार्तिक उरांव के सपनों को हम साकार करेंगे. जात-पात, वर्ग, समुदाय से ऊपर उठ कर एक समरस, स्वाबलंबी एवं समृद्धशाली राज्य बनायेंगे. कुछ लोग समाज को गुमराह करना चाहते हैं. इन्होंने झारखंड को पहले लूटखंड बनाया,अब झूठखंड बनाना चाह रहे हैं. न लूटखंड चलेेगा, न झूठखंड चलेगा, चलेगा तो सिर्फ विकास.
यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धुर्वा में आयोजित कार्तिक उरांव जयंती समारोह सह जतरा में कही. मौके पर गुमला विधायक शिवशंकर उरांव, खिजरी विधायक राम कुमार पाहन,पूर्व विधायक समीर उरांव, झारखंड आंदोलनकारी चयन आयोग के सुनील फकीरा कच्छप, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, झारखंड आदिवासी विकास समिति धुर्वा के अध्यक्ष मेघा उरांव, वार्ड पार्षद आशोक बड़ाइक, पाहन पुजार महतो उपस्थित थे.
पहले कमीशन खाकर जमीन हड़पने का हुआ काम : श्री दास ने कहा कि पहले लोगों ने कमीशन खाकर गरीब आदिवासियों की जमीन को हड़पने का काम किया. हमारी सरकार ने एसएआर कोर्ट के माध्यम से जमीन हड़पने पर पाबंदी लगा दी़ स्थानीय नीति के परिभाषित नहीं होने से आदिवासी समुदाय के बच्चों को नौकरी नहीं मिल पा रही थी. सरकार ने अधिसूचित क्षेत्रों के जिलों में भी पद चिह्नित किये, अब उन्हें नौकरी मिल रही है. सरकार ने सीएनटी-एसपीटी का सरलीकरण किया है. इससे रैयतधारी ही लाभान्वित होंगे, दूसरे नहीं. पहले उनकी जमीन सिर्फ कृषि योग्य हुआ करती थी. सरलीकरण से रैयत अपनी दुकान बना सकते हैं, व्यवसाय कर सकते हैं.
सरना व सदान का संयुक्त रूप है सनातन : सीएम ने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रकृति पूजा का विशेष महत्व है. आप भी प्रकृति की पूजा करते हैं और हम भी. हम अपने आराध्य की बेलपत्र, पल्लव इत्यादि से आराधना करते हैं. उनके वाहन भी जीव-जंतु ही हैं. इस प्रकार सरना और सदान का संयुक्त रूप ही सनातन है. गरीब बच्चों को आर्थिक मदद देने के लिए एक कोष बनाया जायेगा.
लोहरदगा के इटाबरही के बच्चों की टीम को एक लाख देने की घोषणा :
समारोह में सुखराम पाहन ने अपनी टीम के साथ मुंडारी नृत्य की प्रस्तुति की. लोहरदगा के इटाबरही के बच्चों ने भी लोकनृत्य एवं गीत प्रस्तुत किये. श्री दास ने कहा कि बच्चे अपनी संस्कृति के संवाहक हैं.
उन्होंने इन बच्चों की टीम के लिए पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपये देने की घोषणा की. समारोह में शामिल होने के लिए अंडमान-निकोबार से आये कैलाश उरांव एवं आदिवासी बच्चों के लिए नि:शुल्क कोचिंग चलाने वाले लक्ष्मण उरांव को भी सम्मानित किया गया.

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