एचइसी ने खड़े किये सफलता के कई आयाम
रांची: 58 बसंत देख चुका एशिया का सबसे बड़ा उद्योग एचइसी अपने अंदर कई कहानियों को समेटे हुए है. इन वर्षों में जहां एचइसी ने सफलता के कई आयाम खड़े किये, वहीं उसे आर्थिक उदारीकरण के थपेड़ों से भी गुजरना पड़ा. एचइसी को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने […]
रांची: 58 बसंत देख चुका एशिया का सबसे बड़ा उद्योग एचइसी अपने अंदर कई कहानियों को समेटे हुए है. इन वर्षों में जहां एचइसी ने सफलता के कई आयाम खड़े किये, वहीं उसे आर्थिक उदारीकरण के थपेड़ों से भी गुजरना पड़ा. एचइसी को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि एचइसी देश के औद्योगिक विकास में मिल का पत्थर साबित होगा. उन्होंने एचइसी को मातृ उद्योग का दर्जा भी दिया था. प्रबंधन को उम्मीद है चालू वित्तीय वर्ष में एचइसी के आधुनिकीकरण को लेकर केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल जायेगी.
एचइसी के पास 2000 करोड़ का वर्क ऑर्डर : एचइसी की मशीनों की क्वालिटी व फिनिशिंग इतनी अच्छी है कि कंपनियों का भरोसा एचइसी पर अभी तक कायम है. एचइसी के पास माइनिंग, स्टील व डिफेंस क्षेत्र से करीब 2000 करोड़ का वर्क ऑर्डर है.
कई विदेशी कंपनियों के साथ एमओयू : एचइसी प्रबंधन ने भविष्य को लेकर कई विदेशी कंपनियों के साथ एमओयू किया है. रूसी कंपनी सीनिट मास के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए एमओयू किया है, जो फरवरी-मार्च से शुरू होगा. सेंटर खुलने से एचइसी के इंजीनियर, तकनीकी विशेषज्ञ व बाहर के इंजीनियर ट्रेंड होंगे व उनका स्किल लेवल बढ़ेगा. दूसरा एमओयू इसी कंपनी से शिप साॅफ्ट की तकनीक लेने के लिए किया गया है. तकनीक मिलने से एचइसी पानी जहाज का उपकरण बनायेगा, जो भारत में अभी नहीं बनता है. वहीं वेल्डिंग तकनीक भी रूसी कंपनी देगी. इससे एचइसी काे कार्यादेश अधिक मिलेगा, क्वालिटी बढ़ेगी. एक अन्य कंपनी यूबीजेड के साथ एचइसी ने एमओयू किया है. उससे स्टील प्लांट के लिए रोल्स बनाने की तकनीक एचइसी को मिलेगी. पॉलवूथ कंपनी के साथ कोक अोवेन बैटरी की तकनीक लेने के लिए एमओयू हुआ है, जो स्टील कंपनियाें में प्रयोग होता है.
आज कई कार्यक्रम होंगे : इस मौके पर कई कार्यक्रम होंगे. सुबह सात बजे एचइसी के कर्मी विधानसभा मैदान में एकत्रित होंगे. मशाल प्रज्ज्वलित किया जायेगा. फिर शुरू होगा मार्च पास्ट. मार्च पास्ट में नेहरू जी द्वारा इस्तेमाल कार को भी शामिल किया जायेगा. वर्ष 1992 से पूर्व सेवानिवृत्त कर्मियों को सम्मानित किया जायेगा.