विधानसभा सत्र में मुसलमानों के सवाल उठायें सेक्युलर पार्टियां

रांची: झारखंड के मुसलिम बुद्धिजीवियों व शिक्षाविदों ने सेक्युलर कही जानेवाली पार्टियों व विधायकों से उम्मीद जतायी है कि आगामी विधानसभा सत्र के दौरान उनके समाज के विषयों पर सवाल उठायेंगे और फैसला करायेंगे. बुधवार को होटल बागबान मेन रोड में डॉ शिक्षाविद जावेद अहमद, पूर्व एडिशनल रजिस्ट्रार इरफान ओजैर,पूर्व एडिशनल लेबर कमश्निर सह उर्दू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2016 1:02 AM
रांची: झारखंड के मुसलिम बुद्धिजीवियों व शिक्षाविदों ने सेक्युलर कही जानेवाली पार्टियों व विधायकों से उम्मीद जतायी है कि आगामी विधानसभा सत्र के दौरान उनके समाज के विषयों पर सवाल उठायेंगे और फैसला करायेंगे. बुधवार को होटल बागबान मेन रोड में डॉ शिक्षाविद जावेद अहमद, पूर्व एडिशनल रजिस्ट्रार इरफान ओजैर,पूर्व एडिशनल लेबर कमश्निर सह उर्दू साहत्यिकार अधिवक्ता डॉ एमए हक, अधिवक्ता मुमताज खान, अधिवक्ता एके रशीदी, शिक्षाविद सह लेखक मौलाना शरीफ अहसान मजहरी व सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान ने कहा कि झारखंड सरकार मुसलिमों व अल्पसंख्यकों के नाइंसाफी कर रही है़ .
छह माह पूर्व बालूमाथ (हजारीबाग) में हुई घटना में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई़ जामताड़ा के नारायणपुर थाना में मिन्हाज काे पुलिस हाजत में पीट कर मार डाला गया़ सांप्रदायिक तत्वों पर दंगा, फसाद, हत्या, लूटपाट व आगजनी के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है़ अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गयी़ उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन, वक्फ बोर्ड के आधारभूत ढांचे में सुधार, अल्पसंख्यक वित्त निगम को धरातल पर उतारने, उर्दू एकेडमिक-मदरसा बोर्ड के गठन, केंद्र प्रायोजित अल्पसंख्यक योजनाओं को खानापूर्ति की श्रेणी से बहार निकाल धरातल पर लाने जैसे कई विषय है़ं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुसलिम समाज के प्रतिनिधियों के साथ सचिवालय में उनके महत्वपूर्ण मुद्दों पर बैठक की थी, मगर इसका नतीजा शून्य ही रहा़ मुख्यमंत्री इस दिशा में ध्यान दे़ं

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