सरकारी नीतियों के विरोध में डॉक्टरों का सत्याग्रह
रांची: नेशनल आइएमए के आह्वान पर झारखंड आइएमए के सदस्यों ने बुधवार को आइएमए भवन में विरोध-प्रदर्शन किया. कार्यक्रम का नाम था ‘आइएमए सत्यग्रह’, जो पूरे देश में एक साथ चला. आइएमए के पदाधिकारी दोपहर 12:30 बजे एकत्र हुए और विरोध प्रकट किये. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि सरकार की नीति न्यायसंगत नहीं है. स्टेट […]
रांची: नेशनल आइएमए के आह्वान पर झारखंड आइएमए के सदस्यों ने बुधवार को आइएमए भवन में विरोध-प्रदर्शन किया. कार्यक्रम का नाम था ‘आइएमए सत्यग्रह’, जो पूरे देश में एक साथ चला. आइएमए के पदाधिकारी दोपहर 12:30 बजे एकत्र हुए और विरोध प्रकट किये.
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि सरकार की नीति न्यायसंगत नहीं है. स्टेट आइएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन सही नहीं है. अपने देश के मेडिकल कॉलेज से भी एमबीबीएस पास करने के बाद प्रैक्टिस करने के लिए परीक्षा देना पूरी तह गलत है. उन्होंने कहा कि क्लिनिकल एस्टेबलिसमेंट एक्ट में डाॅक्टरों को सुरक्षा दिया जाये, क्योंकि इससे क्लिनिक व पॉली क्लिनिक संचालित करने वाले चिकित्सकों को परेशानी होगी. कैपिंग ऑफ कंपनशेसन को जरूरत से ज्यादा नहीं निर्धारित किया जाये. मरीज की बीमारी व उसकी वर्तमान स्थिति का आकलन करने के बाद ही राशि तय की जाये.
सुरक्षित गर्भपात कराने की छूट देना गलत : डॉ उषा नाथ ने कहा कि आयुष चिकित्सकों को सुरक्षित गर्भपात कराने की छूट दी जा रही है जो गलत है. डाॅ विमलेश सिंह ने कहा कि आयुष चिकित्सक स्थिति बिगड़ जाने पर अंत में हमारे पास रेफर कर देंगे, जो हमारे लिए मुसीबत बन जायेगा. आयुष चिकित्सकों को मेडिकल काउंसिल से एमडी व एमएस पर रोक लगाया जाये. मौके पर डॉ विमलेश सिंह, डॉ आरके सिंह, डॉ अनंत सिंन्हा, डॉ शेखर चौधरी काजल, डॉ सरावगी, डॉ उषा नाथ, डॉ हलिमुद्दीन सहित कई चिकित्सक मौजूद थे.
सरकार को एक माह का दिया समय : स्टेट आइएमए के सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट सहित सभी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 15 नवंबर का समय दिया गया था, लेकिन वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए दिसंबर 15 तक बढ़ा दिया गया है.