खरसीदाग में पड़हा जतरा: शिबू सोरेन का आदिवासी समाज से आह्वान शिक्षित बनेंगे, तभी होगा विकास

नामकुम: शिक्षा के बिना आदिवासी समाज का विकास बहुत ही मुश्किल है. दुनिया रोजाना आगे बढ़ रही है, ऐसे में समय के साथ चलना अस्तित्व के लिए बहुत ही जरूरी है. यह सब शिक्षा से ही संभव है. पर यह भी ध्यान रखना होगा कि हम अपनी सभ्यता-संस्कृति को संजोये रखें. नयी पीढ़ी जितनी शिक्षित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2016 12:29 AM
नामकुम: शिक्षा के बिना आदिवासी समाज का विकास बहुत ही मुश्किल है. दुनिया रोजाना आगे बढ़ रही है, ऐसे में समय के साथ चलना अस्तित्व के लिए बहुत ही जरूरी है. यह सब शिक्षा से ही संभव है. पर यह भी ध्यान रखना होगा कि हम अपनी सभ्यता-संस्कृति को संजोये रखें. नयी पीढ़ी जितनी शिक्षित व सशक्त होगी, समाज भी उतना ही उन्नत होगा. यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने कही. वह गुरुवार को खरसीदाग में आयोजित पड़हा जतरा में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पड़हा जतरा हमारी संस्कृति व सभ्यता का परिचायक है. जतरा के आयोजन के लिए उदयपुर सिरी परगना पड़हा राजा का धन्यवाद भी किया. मौके पर उपस्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने भगवान बिरसा मुंडा के सपनों को साकार करने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत पर बल दिया. कार्यक्रम के दौरान झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य अंतु तिर्की, पूर्व जिप अध्यक्ष सुंदरी तिर्की, सुशीला एक्का, बिरीश मिंज, प्रमुख रीता रजनी कुजूर, पड़हा समिति के संरक्षक आर डुंगडुंग, महेंद्र कच्छप, रामावतार केरकेट्टा, हरिश्चंद्र सिंह मुंडा, मतियस मुंडा, जीतसिंह मुंडा, प्रदीप तिर्की, सुरेश नायक, संदीप मुंडा, अमनभुटकुमार, एतवा कच्छप, वचन बड़ाइक आदि मौजूद थे.
खोड़हा नाच रहा आकर्षण : जतरा में आसपास के कई गांवों से आये ग्रामीणों ने खोड़हा नाच सहित पारंपरिक गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किये. इसके अलावे मेला स्थल पर आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल भी खेला गया. इसमें विजेता खिजरी की टीम को एक खस्सी व तीन हजार रुपये तथा उपविजेता सहेरा की टीम को एक खस्सी व दो हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया.

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