सीएसआर और डीएमएफ में मिलेेंगे तीन हजार करोड़

रांची: झारखंड को औद्योगिक व खनन कंपनियों द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये मिलेंगे. कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी(सीएसआर) और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड(डीएमफ) के तहत राशि मिलेगी. सिंतबर माह तक राज्य को सीएसआर फंड में 996 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. इसी तरह डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के रूप में 2053 करोड़ प्राप्त होंगे, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2016 1:32 AM
रांची: झारखंड को औद्योगिक व खनन कंपनियों द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये मिलेंगे. कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी(सीएसआर) और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड(डीएमफ) के तहत राशि मिलेगी. सिंतबर माह तक राज्य को सीएसआर फंड में 996 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. इसी तरह डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के रूप में 2053 करोड़ प्राप्त होंगे, जिसमें 1158 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. गौरतलब है कि कंपनियों को अपने लाभ की दो प्रतिशत राशि सीएसआर फंड में देना है. वहीं, खनन कंपनियों को रॉयल्टी की 30 प्रतिशत राशि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड(डीएमएफ)को देनी है.
स्वच्छता अभियान पर हो रहा है खर्च
सीएसआर फंड और डीएमएफ के तहत मिली राशि का बड़ा हिस्सा स्वच्छता अभियान पर खर्च किया जाना है. सीएसआर फंड से प्राप्त राशि से छह हजार स्कूलों व 25 हजार घरों में टॉयलेट बनाने का काम चल रहा है. वहीं, राज्य सरकार ने डीएमएफ फंड के तहत मिलनेवाली कुल राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा खनन इलाकों के पेयजल, पर्यावरण सुरक्षा एवं प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला कल्याण, वृद्धा एवं विकलांग कल्याण, कौशल विकास एवं स्वच्छता पर खर्च करने का निर्णय लिया है. 40 प्रतिशत राशि भौतिक संरचना, सिंचाई, ऊर्जा, जल संचयन विकास एवं खनन जिलों में पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाना है.
राशि से खनन क्षेत्र का किया जाना है विकास
झारखंड के खनन प्रभावित क्षेत्रों को डीएमएफ मद में 2053.78 करोड़ रुपये मिलेंगे. वित्तीय वर्ष 2016-17 की समाप्ति तक यह राशि जिलों को मिल जायेगी. अबतक राज्य के 14 खनिज बहुल जिलों को 1158.18 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. इस राशि का इस्तेमाल संबंधित जिलों के खनन प्रभावित लोगों के विकास और क्षेत्र के विकास में किया जाना है. खान विभाग द्वारा मेजर मिनरल के उत्खनन से वसूली गयी रॉयल्टी का 30 फीसदी हिस्सा उस क्षेत्र के विकास के फंड में देना है. इसके लिए जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट(डीएमएफटी) का गठन कर दिया गया है.
सबसे अधिक धनबाद को
डीएमफ के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 में सबसे अधिक राशि धनबाद जिले को मिल रही है. ध नबाद को दोनों वर्षों में कुल 550.54 करोड़ रुपये डीएमएफटी के माध्यम से मिलना है. अबतक 341.17 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. इसी तरह रामगढ़ जिला दूसरे स्थान पर है. चाईबासा, बोकारो, चतरा, गोड्डा, हजारीबाग, देवघर, रांची, लातेहार, गुमला, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह और लोहरदगा जिला भी बड़ी राशि लेनेवालों में शामिल है. गौरतलब है कि राज्य में डीएमएफटी का गठन 24 नवंबर 2015 को किया गया है. ट्रस्ट की स्थापना सभी जिलों मेें की गयी है. इसके अध्यक्ष उपायुक्त हैं.
किस जिले को कितना
जिला राशि
धनबाद 550.54
रामगढ़ 434.22
चाईबासा 315.51
बोकारो 194.65
चतरा 258.53
गोड्डा 128.77
हजारीबाग 58.28
देवघर 39.02
रांची 21.61
लातेहार 16.97
गुमला 10.61
पूर्वी सिंहभूम 10.59
गिरिडीह 8.71
लोहरदगा 5.77
(करोड़ में)

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