एंबुलेंस में उपकरण लगाने का काम फंसा
पहले तीन बार टेंडर हो चुका है रद्द संजय रांची : एंबुलेंस-108 में जीवन रक्षक उपकरण लगाने (फैब्रिकेशन) का काम फंस गया है. उपकरण लगाने के लिए एल-वन फर्म का चयन हो गया था. एल-टू पार्टी के इस मामले में हाइकोर्ट चले जाने से फैब्रिकेशन का काम एल-वन को नहीं दिया जा सका है. अक्तूबर […]
पहले तीन बार टेंडर हो चुका है रद्द
संजय
रांची : एंबुलेंस-108 में जीवन रक्षक उपकरण लगाने (फैब्रिकेशन) का काम फंस गया है. उपकरण लगाने के लिए एल-वन फर्म का चयन हो गया था. एल-टू पार्टी के इस मामले में हाइकोर्ट चले जाने से फैब्रिकेशन का काम एल-वन को नहीं दिया जा सका है.
अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में अहमदाबाद की कंपनी नटराज मोटर्स एंड बॉडी बिल्डर्स एल-वन हुई. वहीं, फरीदाबाद की कंपनी बाफना हेल्थ केयर प्रा लिमिटेड एल-टू. अब कुछ अापत्तियों के साथ बाफना प्रबंधन ने झारखंड हाइकोर्ट में अपील की है. इधर, सड़क दुर्घटना सहित अन्य आपात स्थिति में काम आनेवाली एंबुलेंस-108 की सेवा अब तक बहाल नहीं हो सकी है.
स्वास्थ्य विभाग ने तय किया था कि मार्च 2016 तक कम से कम 50 एंबुलेंस की सेवा शुरू करदी जाये. कुल 329 में से 50 एंबुलेंस तो खरीद ली गयी, पर फैब्रिकेशन अब तक नहीं हो सका है. गौरतलब है कि राज्य गठन से लेकर अब तक करीब 60 हजार लोग सड़क दुर्घटना में मर चुके हैं. इससे पहले एंबुलेंस फैब्रिकेशन का टेंडर तीन बार रद्द हो चुका है. पहली बार सिंगल पार्टी हो जाने से टेंडर रद्द करना पड़ा था. दूसरी बार निकले टेंडर में फैब्रिकेशन वर्क की लागत झारखंड ने इतनी तय कर दी थी कि केंद्र सरकार ने इसे मानने से इनकार कर दिया था. वहीं, तीसरी बार निकला टेंडर कंपनियों के तय तकनीकी मापदंड को पूरा न कर पाने के कारण रद्द हुआ है.