23 करोड़ के खर्च पर सिर्फ 202 को काम मिला
2014-15 में 9,511 युवकों को प्रशिक्षण मिला, इनमें से सिर्फ चार लोगों को ही काम मिल सका 2015-16 में 35,769 युवक युवतियों को प्रशिक्षण मिला, इनमें से सिर्फ 198 को ही काम मिला प्रशिक्षण पर किये गये खर्च से इन युवकों को 14 साल तक दिये जा सकते हैं प्रतिमाह 6, 300 रुपये वेतन उत्तम […]
2014-15 में 9,511 युवकों को प्रशिक्षण मिला, इनमें से सिर्फ चार लोगों को ही काम मिल सका
2015-16 में 35,769 युवक युवतियों को प्रशिक्षण मिला, इनमें से सिर्फ 198 को ही काम मिला
प्रशिक्षण पर किये गये खर्च से इन युवकों को 14 साल तक दिये जा सकते हैं प्रतिमाह 6, 300 रुपये वेतन
उत्तम महतो
रांची : पिछले दो साल में 23.13 करोड़ रुपये खर्च कर सिर्फ 202 शहरी गरीबों को ही काम दिलाया जा सका है. नगर विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे नेशनल अरबन लाइवलीहुड मिशन(एनएलयूएम) के आंकड़ों और काम पानेवाले युवकों से संबंधित आंकड़ों के विश्लेषण से इस बात की जानकारी मिलती है. अगर राज्य में लागू न्यूनतम मजदूरी को आधार बनाया जाये, तो प्रशिक्षण पर किये गये खर्च से इन युवकों को 14 साल तक वेतन दिया जा सकता है.
शहरी गरीबी उन्मूलन की इस योजना के लिए 2014-15 में 12.08 करोड़ रुपये उपलब्ध थे. 2015-16 में इसके लिए 26.47 करोड़ रुपये थे. सरकार द्वारा निर्धारित नियम के तहत इस राशि में प्रशिक्षण पर 60 प्रतिशत खर्च करना था. इसलिए सरकार ने 2014-15 में 7.25 और 2015-16 में 15.88 करोड़ रुपये खर्च किये. 2014-15 में 140 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से 9,511 युवकों को प्रशिक्षित किया गया, इनमें से सिर्फ चार लोगों को ही काम मिल सका.
2015-16 में 113 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से 35,769 युवक-युवतियों को प्रशिक्षित किया गया. हालांकि इनमें से सिर्फ 198 को ही काम मिला. इस तरह गरीबी उन्मूलन की इस योजना के तहत 23.13 करोड़ रुपये खर्च कर सिर्फ 202 युवकों को ही काम दिलाया जा सका. राज्य में ‘अन स्किल्ड ’ मजदूरों के लिए 210 रुपये की न्यूनतम मजदूरी निर्धारित है. प्रशिक्षण पर खर्च राशि से 202 युवकों को 14 साल तक प्रति माह 6,300 रुपये के हिसाब से दिया जा सकता है.