रांची :झारखंड विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह के दौरान आज सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास और विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के बीच सीएनटी-एसपीटी एक्ट को लेकरचल रहे मतभेद परदोनों नेताओं का तल्ख अंदाज देखने को मिला.समारोह में भाषण के क्रम मेंविपक्ष के नेताहेमंत सोरेन ने कहा कि कल सदन में क्या होगा मैं नहीं जानता लेकिन मेरा मन भारी है…. उन्होंने रघुवर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार बहुमत का गुरुर न दिखाए…. जनता सीएनटी-एसपीटी एक्ट पास नहीं होने देगी….उल्लेखनीय है कि कल ही विधानसभा में सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर संशोधन विधेयक पेश करने वाली है.
सोरेन ने कहा कि सरकार जानें आगे क्या होगा लेकिन हाथापाई से समस्या का सामाधान नहीं निकलने वाला है. वहीं, इसी कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सीएम रघुवर दास ने कहा कि हम हर हाल में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में सरलीकरण करेंगे… यदि आप भी सत्ता में आइएगा तो ऐसा कीजिएगा. उन्होंने कहा कि हम जनता पर कुछ थोप नहीं रहे हैं और कोई हम परकुछ थोप दे यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा.
सीएम ने कहा कि हमें जनादेश मिला है… कानून बनेगा… हमें विकास के लिए जनादेश मिला है. एक-एक जनता से पूछकर सरकार काम नहीं कर सकती है. आपको बता दें कि विधानसभा परिसर में सादगीपूर्ण ढंग से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास, स्पीकर दिनेश उरांव, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन सहित अनेक विधायक मौजूद थे.
यहां उल्लेख करते चलें कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो पा रहा है. इसे लेकर तीसरे दिन सोमवार को भी विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. विपक्षी दल के विधायकों ने सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी, वेल में घुसे थे और परचे उड़ाये थे.
सोमवार को विधानसभा के बाहर संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा था कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक 23 नवंबर को विधानसभा में पेश किया जायेगा. सरकार चाहती है कि इस पर 23 व 24 नवंबर को चर्चा हो. लेकिन विपक्ष सार्थक बहस को तैयार नहीं है. वह इस बात पर अड़ा है कि बिल लाने से पहले इस पर बहस करायी जाये. यह संसदीय प्रणाली व लोकतांत्रिक प्रक्रिया में व्यवधान है. राय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष समेत विपक्षी दल के सभी सदस्यों को बिल की प्रति मिल गयी है. लेकिन इनकी ओर से कोई भी ऐसा तर्क नहीं दिया जा रहा है, जिससे सरकार संतुष्ट हो जाये. सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में जनहित से जुड़े मामलों में नीतिगत संशोधन को तैयार है. बशर्ते विपक्ष की ओर से यह बताया जाये कि किस कंडिका में कौन-सी ऐसी बात कही गयी है, जिससे इस राज्य या किसी एक वर्ग को नुकसान हो जायेगा.
(इनपुट : आनंद मोहन)