धंधा हुआ मंदा: लगन के बाद भी बरतन बाजार में रौनक नहीं, 23 लाख रुपये का कारोबार घट कर 4.5 लाख पर अटका

रांची : 500 व 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद होने का असर बरतन बाजार भी साफ दिख रहा है. इन बाजारों से रौनक पूरी तरह से गायब है. बरतन बाजार के लिए प्रमुख बाजार चर्च रोड व अपर बाजार में खरीदार नहीं आ रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि लगन का सीजन होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 1:14 AM
रांची : 500 व 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद होने का असर बरतन बाजार भी साफ दिख रहा है. इन बाजारों से रौनक पूरी तरह से गायब है. बरतन बाजार के लिए प्रमुख बाजार चर्च रोड व अपर बाजार में खरीदार नहीं आ रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि लगन का सीजन होने के बाद भी खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं. लगन की खरीदारी की कौन कहे, सामान्य खरीदारी भी ठप सी हो गयी है. इससे दुकानदार परेशान हैं.
235 से अधिक छोटे-बड़े हैं दुकान : चर्च रोड व अपर बाजार में कुल मिला कर छोटे व बड़े दुकानों की संख्या 235 से अधिक हैं. छोटे दुकानों की स्थिति और खराब हो गयी है. अभी स्थिति यह हो गयी है कि काम करनेवाले स्टाफ तक के लिए पैसा निकालना मुश्किल हो रहा है.
मुश्किल से हो रहा 20 प्रतिशत कारोबार : नोटबंदी का असर यह है कि बरतन बाजार में मुश्किल से 20 प्रतिशत कारोबार हो रहा है. सामान्य दिनों में अकेले चर्च रोड में हर दिन लगभग 15-18 लाख रुपये का कारोबार होता है. लगन के सीजन में यह कारोबार 20-25 प्रतिशत और बढ़ जाता है. वहीं अपर बाजार में हर दिन लगभग पांच से छह लाख रुपये का कारोबार होता है. कुल मिला कर 80 प्रतिशत कारोबार गिर गया है. 23 लाख रुपये का कारोबार 4.5 लाख रुपये पर अटक गया है.
सिर्फ 20% रह गयी है खरीदारी
कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. सामान्य दिनों में होनेवाले कुल खरीदारी में मुश्किल से 20 प्रतिशत खरीदारी रह गयी है. वह भी लगन होने के कारण बाजार में थोड़ी जान बची है.
राजकुमार जायसवाल, सचिव, चर्च रोड बरतन समिति
किसी तरह चला रहे हैं दुकान
500 व 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद बरतन कारोबार काफी हद तक ठप हो गया है. कार्ड से खरीदारी करनेवाले ग्राहकों की संख्या कम है. किसी तरह दुकान चल रहे हैं.
प्रेमनाथ जायसवाल, यूटेनसिल
शादी-विवाह में बजट घटा
बरतन दुकानदारों का कहना है कि शादी-विवाह का मौसम है. एक मध्यम वर्गीय परिवार जहां शादी के लिए 10 हजार रुपये तक के बरतन की खरीदारी करता था, आज यह घट कर 3,000-4,000 रुपये में सिमट गया है. कई दुकानों में स्थिति यह है कि दोपहर के एक बजे तक दुकान में एक ग्राहक तक नहीं पहुंच रहे हैं.

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