School Education News : आठवीं के विद्यार्थियों का मार्च में पूरा होगा सिलेबस, बोर्ड परीक्षा जनवरी में
राज्य में कक्षा आठवीं के 5.18 लाख विद्यार्थी बिना पाठ्यक्रम पूरा किये ही बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे. शैक्षणिक सत्र 2024-25 मार्च तक संचालित होना है. जबकि बोर्ड परीक्षा जनवरी में ही होगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सहमति से झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (जेसीइआरटी) द्वारा पिछले वर्ष स्कूलों को एकेडमिक कैलेंडर भेजा गया था.
सुनील कुमार झा (रांची). राज्य में कक्षा आठवीं के 5.18 लाख विद्यार्थी बिना पाठ्यक्रम पूरा किये ही बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे. शैक्षणिक सत्र 2024-25 मार्च तक संचालित होना है. जबकि बोर्ड परीक्षा जनवरी में ही होगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सहमति से झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (जेसीइआरटी) द्वारा पिछले वर्ष स्कूलों को एकेडमिक कैलेंडर भेजा गया था. इसके अनुरूप मार्च में पाठ्यक्रम पूरा करने व एसए टू (वार्षिक परीक्षा) प्रस्तावित था. इधर, झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा वर्ष 2025 के लिए परीक्षा कैलेंडर जारी किया गया है. जिसमें कक्षा आठवीं की बोर्ड परीक्षा 28 जनवरी को प्रस्तावित है. ऐसे में फरवरी व मार्च माह का पाठयक्रम पूरा हुए ही विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे. ऐसे में बच्चों का रिजल्ट प्रभावित हो सकता है.
कोविड के कारण तीन माह बढ़ा था सत्र इस वर्ष समय पर शुरू होगा
राज्य में कोविड के कारण स्कूलों का सत्र तीन वर्ष के लिए एक-एक माह बढ़ा दिया गया था. पिछले तीन वर्ष से सत्र क्रमश: जुलाई, जून व मई से शुरू हो रहा था. वर्ष 2025-26 में सत्र एक अप्रैल से शुरू होना है. वर्ष 2024-25 का शैक्षणिक सत्र एक मई से शुरू हुआ था. ऐसे में अगर 28 जनवरी को परीक्षा ली जाती है, तो स्कूलों का संचालन नौ माह ही हो पायेगा. गर्मी के कारण पिछले वर्ष गर्मी की छुट्टी भी बढ़ायी गयी थी. ग्रीष्म अवकाश की छुट्टी बढ़ाये जाने के कारण भी विद्यालय लगभग 10 दिनों से अधिक बंद रहा था.220 दिन का कक्षा संचालन अनिवार्य
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुरूप एक वर्ष में 220 दिन कक्षा का संचालन अनिवार्य है. मई में सत्र शुरू होने व जनवरी में परीक्षा होने से 220 दिन के कक्षा संचालन का मापदंड भी पूरा नहीं हो पा रहा है. इससे बच्चों के पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.शिक्षक संघ का सवाल : रिजल्ट खराब हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव राममूर्ति ठाकुर व प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि अगर बिना पाठ्यक्रम पूरा किये परीक्षा ली जाती है और रिजल्ट खराब होता है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा. परीक्षा पहले होनी थी, तो कैंलेडर भी इसी के अनुरूप जारी होना चाहिए था. झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव चितरंजन कुमार ने कहा है कि परीक्षा की तिथि में बदलाव हो. बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा हो, यह पहले सुनिश्चित करना आवश्यक है.
2025 से सत्र अप्रैल में होना है, इसलिए परीक्षा भी समय पर लेना जरूरी : जैक अध्यक्ष
इस संबंध में पूछे जाने पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अनिल महतो ने बताया कि कोविड के कारण शैक्षणिक सत्र में बदलाव किया गया था. वर्ष 2025 से सत्र समय पर शुरू होना है. इस कारण परीक्षा भी पूर्व की भांति समय पर लेने की तैयारी की गयी है. परीक्षा के बाद उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन व पांच लाख बच्चों का रिजल्ट तैयार करने में भी समय लगता है. इस वर्ष एक अप्रैल से सत्र शुरू होना है. इस कारण परीक्षा समय पर लेकर मार्च तक रिजल्ट जारी करने की तैयारी है. कक्षा आठवीं के बाद बच्चे मध्य विद्यालय से हाइस्कूल में जाते हैं, इसके लिए उन्हें टीसी भी लेना होता है. अगर रिजल्ट समय पर जारी नहीं होगा तो बच्चों के आगे की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है