इलेक्ट्रोस्टील की नाकेबंदी हटाने में सरकार विफल

रांची: इलेक्ट्रो स्टील के सियालजोरी स्थित संयंत्र में पिछले पांच दिनों से 800 मजदूर बंधक बना लिये गये हैं. उनका बाहर निकलना बंद है. गुरुवार से ही वे केवल पानी पीकर रह रहे हैं. संयंत्र की कैंटीन में भोजन सामग्री समाप्त हो गयी है. उन्हें न तो भोजन मिल रहा है और न ही दवा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2014 7:15 AM

रांची: इलेक्ट्रो स्टील के सियालजोरी स्थित संयंत्र में पिछले पांच दिनों से 800 मजदूर बंधक बना लिये गये हैं. उनका बाहर निकलना बंद है. गुरुवार से ही वे केवल पानी पीकर रह रहे हैं. संयंत्र की कैंटीन में भोजन सामग्री समाप्त हो गयी है.

उन्हें न तो भोजन मिल रहा है और न ही दवा. संयंत्र में नौकरी देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी प्लांट की नाकेबंदी किये हुए हैं. संयंत्र से कर्मचारियों का निकलना बंद कर दिया गया है. बोकारो जिले के चंदनकियारी प्रखंड स्थित सियालजोरी प्लांट को फरवरी के अंत तक आरंभ करना था. विरोध प्रदर्शन व आंदोलन को देखते हुए प्रबंधन ने फिलहाल अपना इरादा बदल दिया है.

धनबाद जिले के निरसा क्षेत्र के मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में स्थानीय रैयतों के नियोजन की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से संयंत्र की आर्थिक नाकेबंदी जारी है. प्लांट के अंदर अधिकारी, कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड के अलावा अस्थायी मजदूर भी घिर गये हैं. विधायक अरूप चटर्जी के पक्ष में सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, माले विधायक विनोद सिंह और झामुमो के विधायक द्वय जगरनाथ महतो व मथुरा महतो भी खड़े हैं. वहीं इलेक्ट्रो स्टील प्रबंधन के साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष अंबिका खवास की टीम है.

नाकाबंदी के मद्देनजर इलेक्ट्रो स्टील प्रबंधन द्वारा राशन-पानी का जो इंतजाम किया गया था, वो भी गुरुवार को खत्म हो गया. प्लांट के अंदर पांच कैंटीन है. प्लांट के अंदर ही फंसे कंपनी के जीएम सीपी पांडेय ने बताया कि गुरुवार को ही भोजन सामग्री समाप्त हो गयी. मजदूर और अधिकारी दो दिनों से भूखे बंद हैं. प्रदर्शनकारी बाहर से सामग्री लाने नहीं दे रहे हैं.

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