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संशोधन बिल वापस नहीं होने तक हर परियोजना का विरोध
रांची़ : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने कहा है कि जब तक सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन बिल वापस नहीं लेती है, तब तक तमाम परियोजनाओं का विरोध किया जायेगा. किसी भी कीमत पर राज्य में उद्योग नहीं लगने देंगे़ मोरचा कोयलकारो परियोजना के प्रस्ताव का भी विरोध करती है़ रविवार को डॉ करमा उरांव […]
रांची़ : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने कहा है कि जब तक सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन बिल वापस नहीं लेती है, तब तक तमाम परियोजनाओं का विरोध किया जायेगा. किसी भी कीमत पर राज्य में उद्योग नहीं लगने देंगे़ मोरचा कोयलकारो परियोजना के प्रस्ताव का भी विरोध करती है़ रविवार को डॉ करमा उरांव की अध्यक्षता में होटल संगम गार्डेन में हुई बैठक में मोरचा के भावी कार्यक्रम तय किये गये़
निर्णय लिया गया कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के समर्थक विधायक, मंत्री व समाज के ऐसे अन्य लोगों का विरोध किया जायेगा़ 13 फरवरी 2017 को संसद का घेराव करेंगे़ 15 दिसंबर को खूंटी के सायको में अब्राहम मुंडू की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जायेगी़ सदस्यों ने कहा कि प्रशासन दीपा मिंज, समीर कुल्लू व कई कार्यकर्ताओंं को नक्सली बता कर उन पर झूठा मुकदमा दायर कर उन्हें फंसा रहा है़ मोरचा इसकी निंदा करता है़
23 नवंबर को सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक विधानसभा के अव्यवस्था में रहने के दौरान पारित किया गया, जो विधानसभा नियमावली के खिलाफ है़ बैठक में देवकुमार धान, प्रेमशाही मुंडा, विरेंद्र भगत, दीपा मिंज, दर्शन गंझू, दीनू भगत, सुखदेव उरांव, अनीता गाड़ी, रायमुनी मुंडा, प्रफुल्ल लिंडा, प्रवीण उरांव, शिवा कच्छप, अभय भुटकुंवर, जीता उरांव, प्रभुदयाल बड़ाईक, किशोर बेदिया, देवेंद्र पाहन, अरविंद उरांव, सुनील उरांव, दिनेश उरांव, सुखलाल व अन्य मौजूद थे़
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