बैंक से पैसा नहीं निकला, तो लगा ली फांसी

रांची/जमशेदपुर: बीएड की छात्रा बिंदु सिंह ने दुपट्टा से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. परिजन का कहना है िक कॉलेज फीस जमा करने के लिए बैंक से पैसा नहीं निकलने पर उसने ऐसा किया. छात्रा जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र की रहनेवाली थी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2016 1:21 AM
रांची/जमशेदपुर: बीएड की छात्रा बिंदु सिंह ने दुपट्टा से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. परिजन का कहना है िक कॉलेज फीस जमा करने के लिए बैंक से पैसा नहीं निकलने पर उसने ऐसा किया. छात्रा जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र की रहनेवाली थी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

बिंदु के भाई ने बताया कि उसकी बहन सालबनी के बीएड कॉलेज में पढ़ती थी. उसने 40 हजार रुपये देकर दो महीने पहले कॉलेज में दाखिला लिया था. फीस की अगली किस्त नौ दिसंबर को 30 हजार रुपये जमा करनी थी. जिसको लेकर वह पिछले तीन-चार दिन से ग्रामीण बैंक में पैसा निकालने जा रही थी. बैंक में कैश नहीं होने की वजह से पैसा नहीं मिल रहा था. मंगलवार को बैंक से उसे तीन हजार रुपये मिले थे, लेकिन उसे 30 हजार की जरूरत थी. जिसकी वजह से वह परेशान थी. बुधवार को भी वह पैसा निकालने के लिए अपने दोस्त के साथ बैंक गयी थी, लेकिन पैसा नहीं मिला. बिंदु के घर आने के बाद परिवार के लोग खेत चले गये. परिवार के लोगों के जाने के बाद उसने घर के कमरे में फांसी लगा ली. खेत से लौटने पर जब बिंदु ने कमरा का दरवाजा नहीं खोला, तो लोगों को शक हुआ. इसके बाद कमरा का दरवाजा तोड़ा गया, तो बिंदु फंदे पर लटकी मिली.
एक बार भी बहन ने नहीं बतायी परेशानी : भाई वृंदावन ने बताया कि बिंदु ने एक बार भी पैसे के लिए घर में नहीं बताया. अगर वह फीस जमा करने की बात बताती, तो उसे परिवार के लोगों से मांग कर रुपये दिये जाते. बाद में उसे थोड़ा-थोड़ा कर चुका दिया जाता. इससे पूर्व भी कॉलेज की फीस 40 हजार रुपये हम लोगों ने ही दी थी. इस बार बिंदु ने किसी को कुछ नहीं बताया. बिंदु शुरू से ही पढ़ने में बहुत तेज थी. परिवार के लोग उसे शिक्षक बनाना चाहते थे. जिस वजह से वह बीएड में नामांकन करवायी थी.
बैंक से रुपये नहीं मिलने के कारण बिंदु कॉलेज की फीस जमा नहीं कर पा रही थी, जिस कारण से वह तनाव में थी. बार-बार बैंक का चक्कर लगाने के बाद भी जब रुपये नहीं मिले, तो उसने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.
रायमणी मार्डी, सरपंच, बेताकोचा गांव

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