मेन रोड को अतिक्रमण मुक्त करें, वेंडिंग जोन बना कर दुकानदारों को जगह दें

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची के महात्मा गांधी मार्ग (एमजीएम) को पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त करने का आदेश दिया है. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि एक बार हटाये जाने के बाद इस मार्ग पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2016 1:25 AM
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची के महात्मा गांधी मार्ग (एमजीएम) को पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त करने का आदेश दिया है. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि एक बार हटाये जाने के बाद इस मार्ग पर दोबारा अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. वेंडिंग जोन बना कर फुटपाथ दुकानदारों को 10 गुना 10 वर्ग फीट (100 वर्ग फीट) की जगह आवंटित की जाये.
सर्वे कर फुटपाथ दुकानदारों काे चिह्नित करें : खंडपीठ ने कहा : कहीं ऐसा नहीं हो कि स्थायी दुकानदारों को जगह मिल जाये आैर गरीब फुटपाथ दुकानदार वंचित हो जाये. इसलिए जगह आवंटित करने से पूर्व सर्वे कर फुटपाथ दुकानदारों काे चिह्नित किया जाये. उन्हें लाइसेंस भी दिया जाये. उन्हें बसाया जाये, ताकि उनका जीविकोपार्जन होता रहे. इसके लिए दूसरे राज्यों में फुटपाथ दुकानदारों के लिए की गयी व्यवस्था का अध्ययन कर उसे यहां भी लागू किया जाना चाहिए.
किसी तरह का भेदभाव न हो : खंडपीठ ने उच्चस्तरीय समिति बनाने का निर्देश दिया. कहा कि सार्वजनिक जमीन पर बड़े दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण को भी हटाया जाये. इसमें किसी तरह का भेदभाव अथवा छूट नहीं दी जाये. इसके लिए प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसका प्रचार-प्रसार किया जाये. आदेश के अनुपालन में भले ही कठिनाइयां आये, इसके बावजूद इसे लागू कराया जाये.
आदेश के अनुपालन का निर्देश : खंडपीठ ने सरकार से जानना चाहा कि वेंडिंग जोन कहां और कब तक बन जायेगा. कहा कि इसमें लंबा समय नहीं लगना चाहिए. सरकार की ओर से बताया गया कि जयपाल सिंह स्टेडियम में फुटपाथ दुकानदारों को जगह दी जायेगी. निर्माण कार्य चल रहा है. सरकार व नगर निगम के जवाब को देखते हुए खंडपीठ ने आदेश के अनुपालन का निर्देश दिया. साथ ही जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया. कहा कि प्रार्थी को यह लगता है कि सरकार आदेश का अनुपालन नहीं कर रही है, तो वह भविष्य में कोर्ट की शरण ले सकता है. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता विजय रंजन सिन्हा ने पक्ष रखा. गाैरतलब है कि प्रार्थी आशीष कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर की थी.

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