नोटबंदी से जीएसटी में भी पेंच

रांची : राज्य के संसदीय कार्य व खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि वर्तमान स्थिति में अप्रैल माह से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू करना संभव नहीं दिख रहा है. अभी भी बहुत स्थिति स्पष्ट नहीं है. इसके बावजूद केंद्र सरकार सराहनीय प्रयास कर रही है. इसका फायदा जनता को होगा. नोटबंदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2016 1:11 AM
रांची : राज्य के संसदीय कार्य व खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि वर्तमान स्थिति में अप्रैल माह से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू करना संभव नहीं दिख रहा है. अभी भी बहुत स्थिति स्पष्ट नहीं है. इसके बावजूद केंद्र सरकार सराहनीय प्रयास कर रही है. इसका फायदा जनता को होगा. नोटबंदी से जीएसटी में भी पेंच फंस गया है.
कई राज्यों का तर्क है कि नोटबंदी से राज्य का व्यापार प्रभावित हुआ है. ऐसे में अभी जीएसटी लागू करने से परेशानी होगी. नोटबंदी से पहले और बाद की स्थिति में काफी बदलाव आया है. श्री राय सोमवार को होटल रेडिशन ब्लू में एसोचैम द्वारा जीएसटी पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार का उदघाटन करने के बाद बोल रहे थे.
श्री राय ने कहा कि जीएसटी से झारखंड जैसे राज्यों को भी नुकसान है. यह कंज्यूमर स्टेट है. वैसे ऐसे राज्यों को केंद्र सरकार ने कुछ वर्षों तक कंपनसेशन देने की बात कही है, लेकिन सभी राज्यों को अपनी आय का स्रोत बढ़ाना ही होगा. अभी जीएसटी का मामला राज्य और केंद्र के बीच की मूंछ की लड़ाई में फंसा हुआ है. जीएसटी लागू होने से टैक्स की कई कुरीतियां दूर होंगी. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत एसोचैम, झारखंड डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष रवि रोमी ने किया. आयोजन की जानकारी राजीव गुप्ता ने दी तथा धन्यवाद ज्ञापन एसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक एसके सिंह ने किया. तकनीकी सत्र की अध्यक्षता एसएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के चेयरमैन एनपी सिंह व वीकेएस विवि आरा के पूर्व कुलपति सुरेश सिंह ने की. तकनीकी सत्र में राय विवि के डॉ पीयूष रंजन, झारखंड सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी सुरेश सेराफिम तथा आइआइसीएम के फैकल्टी संजय सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
सितंबर 2017 से पहले जीएसटी लागू करना होगा
ओड़िशा से आये सीए गोपाल साह ने कहा कि केंद्र सरकार अप्रैल 2017 से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू करने की बात कह रही है, लेकिन यह संभव नहीं दिखता है. चालू सत्र में इससे संबंधित बिल नहीं आया. अब अगला सत्र जनवरी में होने की संभावना है. इस सत्र में बिल पारित हो भी जाता है, तो मार्च तक सभी राज्यों को बिल पारित कर कानून बनाना होगा, जो संभव नहीं दिखता है. ऐसी स्थित में हर हाल में सितंबर 2017 से पहले जीएसटी लागू करना होगा, क्योंकि सितंबर 2016 में जीएसटी से संबंधित एक बिल पारित कराया जा चुका है. इसकी अवधि एक साल ही होगी, उस वक्त तक जीएसटी लागू नहीं होने पर पूरा देश टैक्स के दायरे से बाहर हो जायेगा. इससे असंवैधानिक स्थिति उत्पन्न हो जायेगी.

Next Article

Exit mobile version