रिम्स डेंटल कॉलेज. डीसीआइ टीम ने किया निरीक्षण, कहा 50 सीट से ज्यादा की व्यवस्था

रांची : डेंटल काउंसिल आॅफ इंडिया (डीसीआइ) की तीन सदस्यीय टीम ने बुधवार को डेंटल कॉलेज का निरीक्षण किया. टीम में जयपुर से डॉ दीपक शर्मा, कटक डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ जेके दास व बुद्धा डेंटल कॉलेज पटना से डॉ विनय कुमार शामिल थे. निरीक्षण करने के बाद डॉ विनय कुमार ने प्रभात खबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2016 12:59 AM
रांची : डेंटल काउंसिल आॅफ इंडिया (डीसीआइ) की तीन सदस्यीय टीम ने बुधवार को डेंटल कॉलेज का निरीक्षण किया. टीम में जयपुर से डॉ दीपक शर्मा, कटक डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ जेके दास व बुद्धा डेंटल कॉलेज पटना से डॉ विनय कुमार शामिल थे. निरीक्षण करने के बाद डॉ विनय कुमार ने प्रभात खबर संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि डेंटल कॉलेज की जो वर्तमान आधारभूत संरचना, उपकरण व व्यवस्थाएं है, उससे 50 सीट से ज्यादा की मान्यता मिल सकती है.

कॉलेज को पहले ही मान्यता मिल जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत तो कहीं भी नहीं होता है, लेकिन व्यवस्थाएं पर्याप्त है. एक सदस्य ने तो यहां तक कहा कि व्यवस्थाएं, तो पीजी कॉलेज संचालित करने के लायक है. टीम के सदस्य डेंटल कॉलेज, लाइब्रेरी, पैथोलॉजी, इमरजेंसी, ब्लड बैंक आदि का निरीक्षण किया. इसके बाद फैकल्टी से संबंधित जानकारी भी ली. निरीक्षण के मौके पर डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गोयल, विभागाध्यक्ष डॉ बीके प्रजापति सहित कई दंत चिकित्सक मौजूद थे. टीम के सदस्य गुरुवार को भी निरीक्षण करेंगे .

अच्छी क्वालिटी की कुरसी ताे लगवा दो
टीम के सदस्यों ने विद्यार्थियों के लेक्चर थियेटर को भी देखा. हॉल में 30 विद्यार्थियों के लिए कुरसी लगी थी. जिसे देख कर सदस्यों ने कहा कि कुरसी को 50 कर दें. टीम के सदस्य ने चेयर पर बैठ कर देखा और कहा कि यह पुराने मॉडल की कुरसी है. अच्छी कंपनी की कुरसी लगवायें. सरकार को खर्च करना है, तो समझौता क्यों कर रहे हो?
मशीन से संतुष्ट दिखे
टीम के तीनों सदस्य सुबह 10.30 बजे डेंटल कॉलेज निरीक्षण के लिए पहुंच गये थे. सबसे पहले ओपीडी में डेंटल चेयर, एक्सरे रूम व उपकरण काे देखा. कास्टिंग मशीन, इंडक्शन कॉस्टिंग मशीन देखने के बाद एक सदस्यों ने कहा कि चाइनीज तो नहीं है. नजदीक जा कर मशीन को देखने के बाद सदस्य संतुष्ट हुए कि मशीन की क्वालिटी अच्छी है. वहीं सेंट्रलाइज कंप्रेशर रूम को देख कर टीम के सदस्य काफी संतुष्ट हुए.
कहीं बिल्डिंग न गिर जाये
डेंटल चेयर के कार्य के लिए तोड़े गये फ्लाेर को देखने के बाद डॉ नवीन कुमार थोड़े नाराज हो गये. उन्होंने कहा कि बिजली व पानी के कनेक्शन के लिए फ्लाेर को तोड़ते समय रॉड काट दिया गया है. कहीं बिल्डिंग न गिर जाये. बाद इंजीनियर ने समझा कर मामला स्पष्ट किया.

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