आराेप: मेयर ने कहा, गड़बड़ी मैंने पकड़ी सरकार भला मुझे क्यों हटायेगी ?

रांची: उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने बुधवार को सरकार से मेयर आशा लकड़ा को हटाने की मांग की थी. गुरुवार को मेयर ने उप महापाैर पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमने भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया है. ऐसे में सरकार भला हमें क्यों हटायेगी? सरकार को अगर हटाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2016 1:46 AM
रांची: उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने बुधवार को सरकार से मेयर आशा लकड़ा को हटाने की मांग की थी. गुरुवार को मेयर ने उप महापाैर पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमने भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया है. ऐसे में सरकार भला हमें क्यों हटायेगी? सरकार को अगर हटाना ही है, तो ऐसे लोगों को हटाये, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई को लेकर वे पहले ही मुख्यमंत्री से आग्रह कर चुकी हैं.
मेयर ने कहा कि उप महापौर आरोप लगा रहे हैं कि हमने संविधान का उल्लंघन किया है. उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि हमने नगर विकास सचिव से केवल पत्राचार कर कुछ जानकारी मांगी है. हमने पूछा है कि बोर्ड व स्थायी समिति की बैठक की फाइल उप महापौर के पास भेजी जाये या नहीं? क्योंकि नगरपालिका अधिनियम में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है. मेयर ने कहा कि क्या किसी सचिव से जानकारी मांगना संविधान का उल्लंघन है?
बोर्ड भी नहीं कर सकता नियम विरुद्ध कार्य
मेयर ने कहा कि 10 अक्तूबर 2015 को ब्राइट न्यून के एक्सटेंशन के प्रस्ताव को सहमति दी गयी थी. परंतु इसमें बाद में यह जोड़ा गया कि ब्राइट न्यून अतिरिक्त कार्य के तहत एलइडी लाइट का भी मेंटेनेंस करेगी, जो गलत है. क्योंकि पांच साल के लिए सूर्या कंपनी को एलइडी लाइट का मेंटेनेंस करना है. इस प्रकार का कोई भी निर्णय जो नियम संगत नहीं है, उसे नहीं माना जायेगा. बोर्ड नियम विरुद्ध काम नहीं कर सकता है. क्योंकि निगम में टेंडर प्रक्रिया होती है. कंपनी को उसी प्रक्रिया में आना पड़ेगा.
क्या कहा था डिप्टी मेयर ने
डिप्टी मेयर ने आरोप लगाया था कि निगम में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा नहीं हो रही है. इसलिए सरकार मेयर को हटाये. राज्य सरकार द्वारा 11 जनवरी 2016 को जारी संकल्प का हवाला देते हुए डिप्टी मेयर ने कहा था कि नगरपालिका अधिनियम के तहत बोर्ड व स्टैंडिंग कमेटी की फाइल डिप्टी मेयर के माध्यम से ही मेयर तक जायेगी. फिर भी मेयर नगर विकास
सचिव को पत्र लिख कर स्थिति स्पष्ट करने को कह रही हैं, जो हास्यापद है.

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