डीजीपी कहते हैं कि राज्य को नक्सलमुक्त बना देंगे. खंडपीठ ने सवाल किया कि जब तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को पकड़ नहीं पा रहे हैं, तो राज्य को नक्सल से कैसे मुक्त करायेंगे. क्या राज्य के डीजीपी असहाय हो गये हैं.
खंडपीठ ने मामले में शीघ्र सभी जरूरी कदम उठाने के लिए कहा. राज्य सरकार को तीन सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी. इससे पूर्व सरकार की अोर से बताया गया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. अनुसंधानकर्ता ने अग्रेतर कार्रवाई करने के लिए एसपी से आदेश की मांग की है. उन्हें शीघ्र आदेश दे दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि बुंडू पुलिस की हिरासत में नाबालिग रूपेश स्वांसी की माैत हो गयी थी. पुलिस पूछताछ के नाम पर रूपेश को हिरासत में लिया था. प्रताड़ित करने के कारण उसकी माैत हो गयी थी. इस मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.