जमीन अधिग्रहण के चक्कर में लटक गया ट्रांसपाेर्टनगर

रांची: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था सुगम करने की राह में कई रोड़े हैं. ट्रैफिक सुधारने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर बसाने और अंतरराज्यीय बस अड्डा (आइएसबीटी) बनाने की योजना कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही है. कांके के चेरी-मनातू में प्रस्तावित ट्रांसपोर्टनगर और नामकुम के सरवल में प्रस्तावित आइएसबीटी के निर्माण की दिशा में गुजरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2016 1:45 AM
रांची: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था सुगम करने की राह में कई रोड़े हैं. ट्रैफिक सुधारने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर बसाने और अंतरराज्यीय बस अड्डा (आइएसबीटी) बनाने की योजना कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही है.

कांके के चेरी-मनातू में प्रस्तावित ट्रांसपोर्टनगर और नामकुम के सरवल में प्रस्तावित आइएसबीटी के निर्माण की दिशा में गुजरे वर्षों में सरकार एक कदम भी नहीं चल सकी है. दोनों योजनाएं जमीन अधिग्रहण के पेंच में फंसी हुई हैं. ट्रांसपोर्टनगर और आरएसबीटी के निर्माण का जिम्मा रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) को दिया गया है. आरआरडीए ने जमीन अधिग्रहण के लिए रांची के भू-अर्जन पदाधिकारी को राशि सौंप कर छुट्टी पा ली है. इधर, जमीन अधिग्रहण की दिशा में कोई काम नहीं शुरू तक नहीं किया गया है.

2002 में बनी थी आइएसबीटी निर्माण की योजना
रांची में अंतरराज्यीय बस अड्डा निर्माण की योजना वर्ष 2002 में ही बनायी गयी थी. वर्ष 2008-09 में में रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) ने नामकुम के सरवल में स्थल चयन किया. कुल 30 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी. जमीन अधिग्रहण के दौरान होने वाले झंझटों से बचने के लिए ऐसी जगह का चयन किया गया था, जहां ज्यादातर सरकारी जमीन थी. जमीन के अधिग्रहण के लिए वर्ष 2010 में 3.25 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने आरआरडीए को उपलब्ध कराये थे. उसके बाद से इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ सका है.
50 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित है ट्रांसपोर्टनगर
शहर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरवल में अंतरराज्यीय बस अड्डा के साथ कांके के चेरी-मनातू में ट्रांसपोर्ट नगर भी प्रस्तावित है. वहां 50 एकड़ जमीन ट्रांसपोर्टनगर निर्माण के लिए चिह्नित किया गया है. नगर विकास विभाग ने जमीन अधिग्रहण के लिए वर्ष 2010 में ही 7.5 करोड़ रुपये जारी कर दिये थे. हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा ट्रांसपोर्टनगर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की कोई कार्रवाई नहीं की है.

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