राज्य के तीन जिले रांची क्षेत्रीय कार्यालय में होंगे शामिल
रांची : इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (आइबीएम) के खान नियंत्रक एबीपी पाणिग्रही ने कहा है कि झारखंड के तीन जिलों को जल्द ही रांची क्षेत्रीय कार्यालय में शामिल किया जायेगा. ये जिले फिलहाल कोलकाता कार्यालय से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के मॉडल पर शर्तों के साथ खनन कार्य के लिए पर्यावरण […]
रांची : इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (आइबीएम) के खान नियंत्रक एबीपी पाणिग्रही ने कहा है कि झारखंड के तीन जिलों को जल्द ही रांची क्षेत्रीय कार्यालय में शामिल किया जायेगा. ये जिले फिलहाल कोलकाता कार्यालय से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के मॉडल पर शर्तों के साथ खनन कार्य के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस देगी. वन विभाग से क्लीयरेंस को लेकर जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा. रांची के आरडीसीआइएस सभागार में रविवार को 24वें खनिज अन्वेषण और खनिज संरक्षण सप्ताह समारोह का उदघाटन करने के बाद उन्होंने उक्त बातें कही.
उन्होंने कहा कि खनन पट्टों के द्वितीय नवीकरण के आवेदनों के लंबे समय तक लंबित रहने पर अब कंपनियों को हो रहे नुकसान का मुआवजा दिया जायेगा. श्री पाणिग्रही ने कहा कि 11 जनवरी 2017 तक वैसे खदान, जिन्हें लाइसेंस मिल चुका है और वे शुरू नहीं हो पा रहे हैं, उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. यह भी देखा जायेगा कि दो वर्ष तक किन कारणों से खनन कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. झारखंड में खदानों के ऑक्शन शुरू हो गये हैं.
झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां अॉक्शन शुरू हो चुका है. अब केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकारों को ऑक्शन के जरिये सीधे भुगतान और राॅयल्टी की भी सुविधा बहाल की जा रही है. माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट रेग्यूलेशन एक्ट के संशोधित प्रावधानों के अनुसार अब 17 वर्ष के लिए ही खदानों के लीज निर्गत किये जा सकेंगे.
कार्यक्रम में राज्य की खदानों को वानिकीकरण, वेस्ट डंप मैनेजमेंट, ऊपरी सतह के स्वायल मैनेजमेंट, बंद खदानों के पुनर्भरण, एयर क्वालिटी मैनेजमेंट, वाटर क्वालिटी मैनेजमेंट, न्वायज बाइब्रेशन,पब्लिसिटी और ओवरऑल परफॉरमेंस का खिताब दिया गया. एएफएम श्रेणी में हिंडाल्को को पहला और दूसरा पुरस्कार दिया गया. ए (ओटीएफएम) श्रेणी में एसके पोद्दार के गौरा माइंस और हिंडाल्को को ओवरऑल प्रदर्शन का पुरस्कार मिला.
कार्यक्रम में सेल के कार्यकारी निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि खनन में तेजी से सुधार हो रहा है.आइबीएम के रांची क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक अनुपम नंदी ने कहा कि खनन क्षेत्र में अब तालाबों से जलापूर्ति और मछलीपालन भी किये जा रहे हैं.