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कारगर साबित नहीं हुआ अॉनलाइन त्रुटि सुधार कैंप
रांची: डिजिटल लैंड रिकॉर्ड्स की त्रुटियां दूर करने के लिए लगाये गये कैंप इस बार भी कारगर साबित नहीं हुए. करीब 16 दिनों तक रांची समेत विभिन्न अंचल कार्यालयों में शिविर लगा कर लोगों के डिजिटल लैंड रिकॉर्ड्स की त्रुटियां दूर की जा रही थीं, लेकिन अधिकतर मामलों में लोग दौड़ते रह गये. शिविरों में […]
रांची: डिजिटल लैंड रिकॉर्ड्स की त्रुटियां दूर करने के लिए लगाये गये कैंप इस बार भी कारगर साबित नहीं हुए. करीब 16 दिनों तक रांची समेत विभिन्न अंचल कार्यालयों में शिविर लगा कर लोगों के डिजिटल लैंड रिकॉर्ड्स की त्रुटियां दूर की जा रही थीं, लेकिन अधिकतर मामलों में लोग दौड़ते रह गये.
शिविरों में लोग अपने वास्तविक कागजात के साथ पहुंचे. सुधार के लिए आवेदन भी दिया, लेकिन सुधार नहीं हो सका. हालत यह है कि अब तक बड़ी संख्या में मिले कागजात अॉनलाइन नहीं हुए हैं. लैंड रिकॉर्ड डिजिटाइज्ड होने के बावजूद कई रैयतों को इसका लाभ नहीं मिलने की शिकायतें आला अफसरों को मिल रही थीं. इसके बाद ही दोबारा शिविर लगाने का आदेश दिया गया, लेकिन इस बार भी राहत नहीं मिलने की शिकायतें उन तक पहुंचती रहीं. वे लगातार अंचलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी देते रहे. इतना ही नहीं शिविरों की सफलता के लिए पहले ही उन्होंने सारे उपायुक्तों व अपर समाहर्ता से कैंपों को कारगर बनाने का आग्रह किया था. साथ ही उन्हें मॉनिटरिंग करने को भी कहा था.
क्या था कैंप लगाने का उद्देश्य
कैंप लगाने का उद्देश्य था कि लोगों को डिजिटल लैंड रिकॉर्ड्स का लाभ मिले. विभाग को जानकारी मिली है कि बड़ी संख्या में ऐसे रैयत हैं, जिनके कागजात अभी भी अॉनलाइन नहीं हुए हैं. ऐसे में कैंप लगा कर वहां अंचलाधिकारी को तैनात रहने का निर्देश दिया था. उनके साथ ही सारे राजस्वकर्मियों को भी मौजूद रहने को कहा गया था. उनके साथ ही अंचल कार्यालय के अन्य कर्मियों को भी उपस्थित रहना था. अंचलाधिकारी को यह निर्देश था कि अगर कोई भी रैयत या नागरिक अंचल कार्यालय में अपनी शिकायत आवेदन के माध्यम से दे, तो उनकी समस्या का निराकरण हर हाल में हो.
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