भोगनाडीह में मना संताल परगना का 169वां स्थापना दिवस, सालखन मुर्मू ने कहा, आदिवासियों की जमीन लूटना चाहती है सरकार

बरहेट (साहेबगंज): वीर शहीद सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह में गुरुवार को संताल परगना का 169वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम में लौ वीर वैसी, भोगनाडीह व झारखंड दिसोम पार्टी के कार्यकर्ता व विभिन्न गांवों से ग्राम प्रधान मुख्य रूप से शामिल हुए. झारखंड दिसोम पार्टी के सालखन मुर्मू ने कहा कि सरकार ने असंवैधानिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2016 1:29 AM
बरहेट (साहेबगंज): वीर शहीद सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह में गुरुवार को संताल परगना का 169वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम में लौ वीर वैसी, भोगनाडीह व झारखंड दिसोम पार्टी के कार्यकर्ता व विभिन्न गांवों से ग्राम प्रधान मुख्य रूप से शामिल हुए. झारखंड दिसोम पार्टी के सालखन मुर्मू ने कहा कि सरकार ने असंवैधानिक तरीके से एसपीटी व सीएनटी एक्ट में संशोधन किया है. एक्ट में बदलाव कर सरकार आदिवासियों की जमीन लूटना चाहती है. सरकार ने जो स्थानीय नीति लायी है, उसमें भी कई त्रुटियां हैं. स्थानीय नीति से यहां के आदिवासियों व मूलवासियों को कुछ खास फायदा होने वाला नहीं है.
सरकार आदिवासियों की जमीन पूंजीपतियों को दे, यह बरदाश्त नहीं : रामकृष्ण सोरेन : लौ वीर वैसी के रामकृष्ण सोरेन ने कहा कि सरकार धर्म और राजनीति के नाम पर आदिवासियों को बांटने का काम कर रही है. एक्ट में बदलाव कर आदिवासियों की जमीन लेकर सरकार पूंजीपतियों को देगी, जिसे हमलोग बरदाश्त नहीं करेंगे.
आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि आदिवासी जिस दिन अपना हक समझने लगेंगे, उस दिन भूचाल आ जायेगा. वंशज परिवार के रूपचंद मुर्मू ने कहा कि एक्ट में किये गये संशोधन को वापस नहीं लिया गया, तो हमलोग अपने पूर्वज सिदो-कान्हू की तरह ही शहीद होंगे. जोसेफ सोरेन ने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी भी एक्ट में किये गये बदलाव का विरोध सही ढंग से नहीं कर पा रही है.
प्रतिमा पर माल्यार्पण : लौ वीर वैसी के रामकृष्ण सोरेन, जोसेफ सोरेन, प्रेमचंद मुर्मू, जेम्स मरांडी, सुशील मरांडी, सतीश सोरेन, मंडल मुर्मू, झारखंड दिसोम पार्टी के सालखन मुर्मू व उनके समर्थकों ने वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. सालखन मुर्मू ने परिजनों से मुलाकात करते हुए कहा कि सरकार परिजनों को मदद के नाम पर छलने का काम कर रही है. अगर सरकार को परिजन की चिंता होती तो आज परिजन की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर होती.

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