कार ने स्कूटी में मारा धक्का दवा व्यवसायी की गयी जान
रांची : दवा व्यवसायी आनंद भदानी (39 वर्ष) की मौत सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद रिम्स में हो गयी़ घटना रविवार की रात 10़ 30 बजे की है़ कांग्रेस भवन के समीप श्रद्धानंद रोड स्थित बलदेव भवन में उनकी भदानी मेडिकल एजेंसी के नाम से दुकान है़ वह वहां अपने भाई अरविंद भदानी […]
रांची : दवा व्यवसायी आनंद भदानी (39 वर्ष) की मौत सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद रिम्स में हो गयी़ घटना रविवार की रात 10़ 30 बजे की है़ कांग्रेस भवन के समीप श्रद्धानंद रोड स्थित बलदेव भवन में उनकी भदानी मेडिकल एजेंसी के नाम से दुकान है़ वह वहां अपने भाई अरविंद भदानी के साथ दुकान चलाते थे़ अरविंद भदानी झारखंड कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव है़ं दवा व्यवसायी का अंतिम संस्कार मंगलवार को सुबह दस बजे हरमू मुक्ति धाम में किया जायेगा़ आनंद भदानी हरमू बाइपास रोड स्थित माही रेस्टोरेंट के सामने पूरण विहार के रहनेवाले थे.
क्या है मामला : अरविंद भदानी ने बताया कि रविवार की रात 10़ 30 बजे आनंद भदानी अपनी स्कूटी से अरगोड़ा चौक की ओर से घर लौट रहे थे़ अरगोड़ा चौक व माही रेस्टोरेंट के बीच एक कार ने उन्हें पीछे से धक्का मार दिया और 20-25 मीटर तक घसीटता रहा़ सूचना मिलने पर पीसीआर वैन के जवानों ने घायल अवस्था में आनंद भदानी को रिम्स पहुंचाया़ उनके पॉकेट में दुकान का बिल था, उसमें अरविंद भदानी का फोन नंबर लिखा हुआ था. उसी नंबर पर पीसीआर प्रभारी ने फोन कर घटना की जानकारी दी़ जानकारी मिलते ही अरविंद भदानी व उनके परिजन रिम्स पहुंंचे़ सिर में गंभीर चोट लगे होने के कारण इलाज के क्रम में उनकी मौत हाे गयी़ पोस्टमार्टम करने के बाद शव को पूरण विहार स्थित आवास में रखा गया है़ इधर, सूचना मिलते ही झारखंड कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सदस्य सहित कई दवा व्यवसायी रिम्स के बाद आनंद भदानी के घर पहुंचे. उन्होंने शोक संतप्त परिवार काे सांत्वना दी़
पापा को देख कुछ समझ नहीं पा रहा था कान्हा
आनंद भदानी का तीन वर्षीय बेटा निश्चल भदानी उर्फ कान्हा अपने पापा की मृत्यु से बेखबर था. वह शव को देख कर कुछ समझ नहीं पा रहा था. उसे लग रहा था कि उसके पापा साये हुए हैं. तोतली बोली में वह पापा को उठाने की गुजारिश कर रहा था. उसकी बोली सुन कर वहां उपस्थित सभी लोग अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे़ आनंद भदानी की पत्नी रोमा भदानी का रो-रोकर बुरा हाल था़ बिशप वेस्टकॉट डोरंडा में तीसरी क्लास में पढ़नेवाली बेटी अद्रिका भदानी कभी पापा के शव को देखती, तो कभी अपनी रोती हुई मां के पास आकर उन्हें चुप कराने का प्रयास कर रही थी.