सरायकेला के डीसी श्रीनिवासन व एसपी संजीव कुमार हटाये गये
रांची: खरसावां के शहीद स्मारक पार्क में आयोजित मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रम में हुए हंगामे की घटना को लेकर सरकार ने सरायकेला के डीसी श्रीनिवासन और एसपी संजीव कुमार को हटाने का आदेश दे दिया है. साथ ही उच्च शिक्षा निदेशक के पद पर कार्यरत रमेश घोलप को सरायकेला का नया डीसी और पुलिस […]
रांची: खरसावां के शहीद स्मारक पार्क में आयोजित मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रम में हुए हंगामे की घटना को लेकर सरकार ने सरायकेला के डीसी श्रीनिवासन और एसपी संजीव कुमार को हटाने का आदेश दे दिया है. साथ ही उच्च शिक्षा निदेशक के पद पर कार्यरत रमेश घोलप को सरायकेला का नया डीसी और पुलिस मुख्यालय में एसपी नक्सल के पद पर पदस्थापित राकेश बंसल को जिले का नया एसपी बनाने का फैसला लिया है. हालांकि अभी तक आदेश जारी नहीं हुआ है. बुधवार को इससे संबंधित अधिसूचना जारी की जा सकती है. सरकार ने सरायकेला के डीसी के तबादले के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी है. सरकार ने खरसावां की घटना को बड़ी प्रशासनिक चूक माना है. जानकारी के मुताबिक सरकार ने दोनों अधिकारियों को इस चूक के लिए दोषी माना है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास का किया था विरोध
मुख्यमंत्री रघुवर दास एक जनवरी को खरसावां गोली कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए खरसावां स्थित शहीद स्मारक पहुंचे थे. वहां आदिवासी संगठनों ने सीएम का विरोध किया था. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन के विरोध में उपद्रव किया था. काले झंडे लहराये थे और जूते-चप्पल उछाले थे. दो जनवरी को मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, गृह सचिव एसकेजी रहाटे, डीजीपी डीके पांडेय, एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता व एडीजी अभियान आरके मल्लिक मामले की जांच करने खरसावां गये. जांच में यह बात सामने आयी है कि सुरक्षा की तैयारी करने में सरायकेला पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने लापरवाही बरती थी. विरोध करनेवाले मुख्यमंत्री के नजदीक पहुंच गये थे और उनके सुरक्षा घेरे के पीछे-पीछे चल रहे थे. जांच अधिकारियों ने इसे सुरक्षा में बड़ी प्रशासनिक चूक माना है.
जिला प्रशासन की तरफ से इस तरह की किसी स्थिति से निबटने के लिए कोई तैयारी नहीं की गयी थी, जबकि चार दिन पहले से सोशल मीडिया में कार्यक्रम का विरोध करने की बात कही जा रही थी. स्पेशल ब्रांच ने भी अलर्ट भेजा था.
गोड्डा डीसी भी हटाये जायेंगे : गोड्डा स्थित राजमहल कोल परियोजना में हुए हादसे के बाद सरकार ने वहां के डीसी अरविंद कुमार को भी हटाने का फैसला लिया है. इसके लिए भी निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी है. सूत्रों के मुताबिक राहत कार्य में हुई देरी की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है. हादसे में अब तक 19 मजदूरों के शव बरामद किये जा चुके हैं. बताया जाता है कि अभी भी 25-30 मजदूर दबे हुए हैं.
लोहरदगा डीसी भी हटेंगे : सरकार ने लोहरदगा के डीसी भुवनेश प्रताप का भी तबादला करने का फैसला लिया है. इसके लिए भी निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी है.