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मामला पहाड़ों के गायब होने व पत्थरों के अवैध उत्खनन का, हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा, पहाड़ों को बचाने के लिए क्या किया

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को पहाड़ों के गायब होने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा कि पहाड़ों को बचाने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. अवैध क्रशर चलानेवालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी. राज्य सरकार व प्रार्थी को बुलेट प्वाइंट में […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को पहाड़ों के गायब होने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा कि पहाड़ों को बचाने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. अवैध क्रशर चलानेवालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी. राज्य सरकार व प्रार्थी को बुलेट प्वाइंट में सुझाव देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 जनवरी की तिथि तय की गयी. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई.

इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अवैध माइनिंग करनेवालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की गयी है. अवैध क्रशरों को सील किया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर में पहाड़ों के गायब होने से संबंधित प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. वहीं अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने जनहित याचिका दायर कर हजारीबाग में पत्थरों के अवैध उत्खनन से हो रहे प्रदूषण का मामला उठाया है. याचिकाअों पर सुनवाई एक साथ हो रही है.

वनाधिकार के लंबित मामले जल्द निबटायें : हाइकोर्ट
झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को लातेहार जिले में वनाधिकार से संबंधित मामलों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लंबित मामलों पर शीघ्र निर्णय लेने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. इससे पूर्व कहा गया कि लातेहार जिले के जाला गांव में लगभग 400 एकड़ वन भूमि से संबंधित वनाधिकार के मामले जिला समिति केे पास काफी दिनों से लंबित हैं. उपायुक्त की अध्यक्षता में वनाधिकार समिति गठित है. लंबित मामलों के निष्पादन के लिए उचित निर्देश देने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रामचंद्र भगत एवं अन्य की अोर से जनहित याचिका दायर की गयी थी.
विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ दायर जनहित याचिका निष्पादित
हाइकोर्ट ने बुधवार को विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे मुकदमे को वापस लेने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निष्पादित कर दिया. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने कहा कि धनबाद की एसडीजेएम की अदालत मुकदमा वापस लेने संबंधी राज्य सरकार के आवेदन को खारिज कर चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी मुकदमा वापस लेने संबंधी आवेदन को खारिज किया है. ऐसे में अब इस याचिका पर आगे सुनवाई करने की कोई जरूरत नहीं रह गयी है. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अदालत देशवाली ने जनहित याचिका दायर कर सरकार द्वारा विधायक के खिलाफ दायर मुकदमे को वापस लेने को चुनाैती दी थी.
ब्लड नीति के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा
झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय ब्लड नीति को राज्य में लागू करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व प्रार्थी को बुलेट प्वाइंट में सुझाव देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि ब्लड नीति के लिए राज्य में कोई नियमावली बनायी गयी है अथवा नहीं. सरकार को पूरी जानकारी देने को कहा गया. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने पक्ष रखा. मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तिथि निर्धारित की गयी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अतुल गेरा ने जनहित याचिका दायर कर राज्य में राष्ट्रीय ब्लड नीति के आलोक में कदम उठाने की मांग की है.

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