चार नाबालिग बच्ची मुक्त
रांची: त्रिपुरा (अगरतल्ला) के ईंट भट्ठा में काम कराने ले जायी जा रही चार नाबालिग बच्चियाें (आठ से दस वर्ष की) को रांची रेलवे स्टेशन पर मुक्त कराया गया़ सभी बच्चियां गुमला के घाघरा की रहनेवाली है़ं उनके अभिभावकों काे अधिक पैसा का लालच देकर दलाल धनेसर असुर ले जा रहा था़. बच्चियों को चाइल्ड […]
रांची: त्रिपुरा (अगरतल्ला) के ईंट भट्ठा में काम कराने ले जायी जा रही चार नाबालिग बच्चियाें (आठ से दस वर्ष की) को रांची रेलवे स्टेशन पर मुक्त कराया गया़ सभी बच्चियां गुमला के घाघरा की रहनेवाली है़ं उनके अभिभावकों काे अधिक पैसा का लालच देकर दलाल धनेसर असुर ले जा रहा था़.
बच्चियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्ल्यूसी) की सदस्य मीरा मिश्रा के पास पेश किया गया़ वहां बच्चियों ने बताया कि दलाल ने उन्हें साड़ी पहना दिया था, ताकि किसी को शक न हो कि वे नाबालिग है़ं दलाल अब तक गुमला से 40 से अधिक बच्चियों को अगरतल्ला में ईंट भट्ठा में काम करने के लिए ले जा चुका है़ सभी बच्चियों को चुटिया स्थित प्रेमाश्रय में रखा गया है़ उनका पूरा पता मिलने के बाद उनके अभिभावकों को सौंप दिया जायेगा़.
दलालों को सजा नहीं मिलने से बढ़ता है मनोबल
बाल अधिकार कार्यकर्ता बैजनाथ कुमार ने बताया कि नाबालिगाें को मुक्त कराने के बाद प्राथमिकी भी दर्ज की जाती है़ फिर भी सीआइडी व पुलिस दलालों को गिरफ्तार नहीं कर पाते. यदि गिरफ्तार कर भी लेते हैं, तो उनके विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाते. जिस कारण दलालों को सजा नहीं होती है और उनका मनोबल बढ़ता जाता है़ बैजनाथ कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 में गुमला व सिमडेगा से काफी नाबालिगों को ईंट भट्ठा में काम कराने के लिए त्रिपुरा ले जाया जा चुका है़ कुछ दिन पहले ओवरब्रिज के समीप सरकारी बस डिपो से काफी संख्या में दूसरे राज्य ले जाये जा रहे नाबालिग व मजदूरों को मुक्त कराया गया था़