बड़कागांव गोलीकांड : अदालत ने दिया था आदेश एएसपी, एसडीपीओ, थाना प्रभारी समेत 30 पर केस
रांची: हजारीबाग के बड़कागांव में हुए गोलीकांड को लेकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी (संख्या-247/2016) दर्ज कर ली गयी है. इसमें एएसपी अभियान कुलदीप कुमार, एसडीपीओ, डीआरडीए के निदेशक नारायण विज्ञान प्रभाकर, सीओ, थाना प्रभारी अकील अहमद, एएसआइ समेत 30 अधिकारी और कर्मी को नामजद बनाया गया है. सभी पर धारा 302 […]
रांची: हजारीबाग के बड़कागांव में हुए गोलीकांड को लेकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी (संख्या-247/2016) दर्ज कर ली गयी है. इसमें एएसपी अभियान कुलदीप कुमार, एसडीपीओ, डीआरडीए के निदेशक नारायण विज्ञान प्रभाकर, सीओ, थाना प्रभारी अकील अहमद, एएसआइ समेत 30 अधिकारी और कर्मी को नामजद बनाया गया है. सभी पर धारा 302 व 34 के तहत केस दर्ज किया गया है. अकील अहमद अभी भी बड़कागांव थाने के प्रभारी हैं.
गोली लगने से हुई थी मौत : गोलीकांड में माहताब अंसारी की भी मौत हो गयी थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक माहताब की मौत गोली लगने से हुई थी़ उसके पिता मोजीब अंसारी ने कोर्ट में आवेदन देकर अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था. सुनवाई के बाद कोर्ट ने हजारीबाग पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.
तीन अन्य मृतकों के परिजनों ने भी कोर्ट में दिया है आवेदन
इस गोली कांड में कुल चार लोगों की मौत हुई थी, जिनमें माहताब अंसारी के अलावा रंजन कुमार दास, अभिषेक कुमार व पवन कुमार साव शामिल थे. माहताब के पिता के बाद अन्य तीनों मृतकों के परिजनों ने भी कोर्ट में आवेदन देकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ बड़कागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध किया है. सभी ने अपने आवेदन में पुलिस पर ज्यादाती करने और बेवजह गोली चलाने का आरोप लगाया है.
एक अक्तूबर को हुई थी घटना
बड़कागांव में एनटीपीसी परियोजना के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय विधायक निर्मला देवी ने चिता सत्याग्रह शुरू किया था. आंदोलन कर रही महिलाओं की मांग थी कि पुनर्वास अधिनियम-2013 के प्रावधानों का पालन किया जाये और पुलिस जुल्म की न्यायिक जांच करायी जायेगी. आंदोलन के दौरान निर्मला देवी ने उत्खनन कार्य रोक दिया था. इसके बाद एनटीपीसी ने बड़कागांव थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. 30 सितंबर की रात बड़कागांव थाने में शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि एक अक्तूबर की सुबह विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. सुबह में पुलिस की टीम धरनास्थल पर पहुंची. पुलिस निर्मला देवी को गिरफ्तार कर बड़कागांव थाना लौट रही थी. रास्ते में ग्रामीणों ने पुलिस को रोक लिया और विधायक को छोड़ने की मांग करने लगे. इस दौरान पुलिस अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच झड़प शुरू हो गयी. ग्रामीणों ने एएसपी अभियान और सीओ समेत कई पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर उन्हें जख्मी कर दिया. इसकी सूचना पर वहां पहुंची पुलिस ने फायरिंग की. घटना में चार लोगों की मौत हो गयी थी. कई लोग घायल हुए थे. बताया जाता है कि माहताब अंसारी प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों में शामिल नहीं था. वह शौच करने गया था.