तोरपा: पारादीप-रायपुर-रांची पाइप लाइन निर्माण में लगी कंपनी पर उग्रवादी हमला, करोड़ों की मशीनें फूंकी, काम रुका

तोरपा: खूंटी जिले के तोरपा स्थित तपकारा ओपी क्षेत्र में कोचा पाकरटोली के निकट पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने सोमवार रात पारादीप-रायपुर-रांची पाइप लाइन प्रोजेक्ट के काम में लगे एचडीडी मशीन (ड्रील मशीन), दो जेनेरेटर, एक जेसीबी, एक कंटेनर और एक हाइड्रा को आग के हवाले कर दिया है. इनकी कीमत करोड़ों में बतायी जा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2017 12:38 AM
तोरपा: खूंटी जिले के तोरपा स्थित तपकारा ओपी क्षेत्र में कोचा पाकरटोली के निकट पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने सोमवार रात पारादीप-रायपुर-रांची पाइप लाइन प्रोजेक्ट के काम में लगे एचडीडी मशीन (ड्रील मशीन), दो जेनेरेटर, एक जेसीबी, एक कंटेनर और एक हाइड्रा को आग के हवाले कर दिया है. इनकी कीमत करोड़ों में बतायी जा रही है. घटना कारो नदी के पास की है. इस प्रोजेक्ट के तहत बेंगलुरु की पेयर केबुल्स कंपनी ड्रिलिंग का काम कर रही है. घटना के बाद काम बंद है.

कंपनी के लोग कार्यस्थल के पास ही टेंट लगा कर रहते हैं. बताया जाता है कि सोमवार रात करीब 9.30 बजे 15 से 20 की संख्या में उग्रवादी कार्यस्थल के पास पहुंचे. सभी हथियार से लैस थे. उग्रवादी टेंट में पहुंचे और वहां मौजूद आठ मजदूरों सहित सभी 14 लोगों को कब्जे में ले लिया. सभी के मोबाइल ले लिये. उग्रवादियों ने मजदूरों के साथ मारपीट भी की.
मजदूरों के कंबल भी जलाये : उग्रवादियों ने इसके बाद बारी-बारी से वहां मौजूद मशीन और वाहन जलाने शुरू कर दिये. मजदूरों के कंबल और रजाई भी जेसीबी के पास रख कर जला दिये.
मजदूरों ने बताया, उग्रवादी अपने साथ पेट्रोल से भरा डिब्बा लेकर आये थे. सभी ने अपना चेहरा छुपा रखा था. घटना को अंजाम देने के बाद उग्रवादी परची छोड़ कर वहां से चले गये. परची में पीएलएफआइ को लेवी नहीं देने पर अंजाम भुगतने की बात लिखी गयी थी. उग्रवादियों ने मजदूरों से कहा कि बिना उनसे मुलाकात किये, एक माह से काम कराया जा रहा है.
डीजीपी और डीआइजी भी पहुंचे : सूचना पाकर डीजीपी डीके पांडेय, डीआइजी आरके धान, एसपी अश्विनी कुमार सिंन्हा, सीआरपीएफ 94 बटालियन के कमांडेंट राजकुमार, सहायक कमांडेंट अमित सिन्हा, मनोज कुमार, एएसपी अनुराग राज, एसडीपीओ मनीष कुमार, रणवीर सिंह, तोरपा थाना प्रभारी अमित तिवारी आदि घटनास्थल पर पहुंचे. घटना का जायजा लिया. डीजीपी डीके पांडेय ने वहां मौजूद साइट इंचार्ज तथा मजदूरों से घटना की बाबत पूछताछ की. पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया.
ग्रामीणों ने दी पुलिस को सूचना
घटना को अंजाम देने के बाद उग्रवादियों ने मजदूरों को नदी किनारे ले जाकर छोड़ दिया और पुलिस को सूचना नहीं देने की धमकी दी. मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने घटना की सूचना तपकारा ओपी को दी. इसके बाद ओपी प्रभारी चंद्रशेखर आजाद मौके पर पहुंचे. उन्होंने उच्चाधिकारियों को भी इसकी सूचना दी.
जून तक पीएलएफआइ का खात्मा
मौके पर पहुंचे डीजीपी डीके पांडेय ने कहा, जून 2017 तक पीएलएफआइ को खत्म करना हमारा लक्ष्य है. विकास के काम में अवरोध पैदा करनेवालों को नहीं बख्शा जायेगा. उग्रवादियों का मुख्य मकसद लेवी वसूलना है. उन्होंने कहा : जो उग्रवादी सरेंडर कर मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं, उनका स्वागत है. पर जो लड़ना चाहते हैं, तो पुलिस उन्हें मारने के लिए भी तैयार है. जहां भी विकास के काम हो रहे हैं, वहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए रणनीति बनायी जायेगी.

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