प्राचार्य ने बदल दी विद्यालय की सूरत

रांची: अपने कार्यस्थल तथा काम से जुड़ाव हो, तो अाप बेहतर कर सकते हैं. राजकीयकृत उच्च विद्यालय, टाटीसिलवे के प्राचार्य अवधेश कुमार सिंह ने भी इसी वजह से अपने स्कूल की सूरत बदल दी है. बच्चों के नामांकन के वक्त विद्यालय के विकास मद में मिलनेवाली मामूली राशि से पूरे स्कूल को चमका दिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2017 12:27 AM
रांची: अपने कार्यस्थल तथा काम से जुड़ाव हो, तो अाप बेहतर कर सकते हैं. राजकीयकृत उच्च विद्यालय, टाटीसिलवे के प्राचार्य अवधेश कुमार सिंह ने भी इसी वजह से अपने स्कूल की सूरत बदल दी है. बच्चों के नामांकन के वक्त विद्यालय के विकास मद में मिलनेवाली मामूली राशि से पूरे स्कूल को चमका दिया है. दरअसल विकास मद के कुल दो लाख रुपये में से एक लाख 90 हजार रुपये के खर्च से स्कूल की पहली मंजिल पर करीब दो हजार वर्ग फीट छत की मरम्मत की गयी है.
पूरे स्कूल को रंग-रोगन किया गया है. खिड़की-दरवाजे पर पेंट किये गये हैं. वहीं स्कूल परिसर में फूल-पौधे भी लगाये गये हैं. प्राचार्य अवधेश को इस बात का कोई गुमान भी नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने खुद खड़े रहकर यह काम कराया, तो कम में हो गया. कभी जब किसी निजी स्कूल में जाता हूं, तो लगता है मेरा विद्यालय इतना सुंदर क्यों नहीं हो सकता. अवधेश बार-बार यह कहना नहीं भूलते कि यह उपलब्धि मेरी अकेले की नहीं, पूरी टीम की है. शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों तथा जनप्रतिनिधियों, सबकी. जहां तक पठन-पाठन की बात है, तो शिक्षकों की कमी के बावजूद स्कूल का रिजल्ट लगातार सुधर रहा है.
विद्यालय भवन को है मरम्मत की जरूरत
राजकीयकृत उच्च विद्यालय, टाटीसिलवे की पहली मंजिल की आधी छत मरम्मत हो गयी है. वहीं ज्यादा जर्जर करीब आधा हिस्सा बनाया जाना है. इसके लिए पैसे नहीं हैं. यहां नयी छत बन जाये, तो भवन के उस भाग को स्कूल सभागार, पुस्तकालय तथा कंप्यूटर कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
प्लस-टू में अपग्रेड करने की मांग
टाटीसिलवे अौद्योगिक क्षेत्र तथा इसके आसपास के ग्रामीण इलाके की आबादी करीब डेढ़ लाख है. पर यहां कोई सरकारी प्लस-टू विद्यालय नहीं है. टाटीसिलवे उच्च विद्यालय को प्लस-टू में अपग्रेड करने की मांग वर्षों से हो रही है, पर सरकार ने इस इलाके की यह मांग अाज तक पूरी नहीं की है.

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