पुलिस मुख्यालय ने काेई रिपाेर्ट भेजी, इसकी सूचना नहीं है

रांची: पुलिस मुख्यालय के वरीय प्रवक्ता एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने प्रभात खबर के 11 जनवरी के अंक में प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित खबर रांची में ऑटो चालकों से हर माह 1.71 करोड़ की अवैध वसूली कर रही ट्रैफिक पुलिस शीर्षक से छपी खबर का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि इस खबर में आमतौर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2017 12:32 AM
रांची: पुलिस मुख्यालय के वरीय प्रवक्ता एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने प्रभात खबर के 11 जनवरी के अंक में प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित खबर रांची में ऑटो चालकों से हर माह 1.71 करोड़ की अवैध वसूली कर रही ट्रैफिक पुलिस शीर्षक से छपी खबर का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि इस खबर में आमतौर पर ट्रैफिक के सभी पदाधिकारियों-पुलिसकर्मियों पर बिना तथ्य के आरोप लगा दिये गये हैं. इससे ट्रैफिक पुलिस के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ा है.

श्री मल्लिक कहते हैं कि किसी भी संस्था में इसकी संभावना हमेशा रहती है कि उसके कुछ कर्मियों का आचरण प्रतिकूल हो, लेकिन पूरी संस्था को भ्रष्ट आचरण में रंग दिया जाये, तो यह उस संस्था के साथ अन्याय होगा. श्री मल्लिक ने अपने पत्र में कहा है कि 03 मार्च, 2015 को हाइकोर्ट का आदेश आने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने बिना परमिट चल रहे 300 ऑटो को जब्त किया गया. ट्रैफिक एसपी ने उन्हें सूचना दी है कि किसी भी ऑटो चालक के द्वारा अ‌वैध वसूली की शिकायत नहीं की गयी है. ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह के कार्यकाल में ट्रै‌फिक नियम तोड़नेवालों से 28,228 रुपये जुर्माने की वसूली की गयी है. इसमें 400 वाहन पुलिसकर्मी एवं पदाधिकारियों की थी. पुलिस मुख्यालय द्वारा अवैध वसूली से संबंधित कोई भी प्रतिवेदन भेजे जाने की सूचना प्राप्त नहीं है. श्री मल्लिक ने कहा है कि नौ जनवरी को ट्रैफिक पुलिस ने पांच बसों को जब्त किया था. इस पर कुछ लोग ट्रैफिक एसपी से मिले थे, जिन्हें ट्रैफिक एसपी ने कहा था कि आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई हुई है, आगे भी होगी. बाद में पता चला कि उनमें से कुछ लोगों ने उन्हें (ट्रैफिक एसपी को) देख लेने की बात कही थी. श्री मल्लिक ने कहा है कि वर्ष 2016 में कर्तव्य के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में 34 पदाधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की गयी है.
संवाददाता का पक्ष
यह है सबूत, सरकार काे भेजे गये पत्र की कॉपी देखिये
प्रभात खबर ने यह खबर अपनी आेर से प्रकाशित नहीं की है. अॉटाे चालकाें से अवैध वसूली की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने रिपोर्ट मांगी थी. पुलिस मुख्यालय की ही एक शाखा ने इसकी जांच की और रिपोर्ट सरकार को भेजी है. प्रभात खबर ने उसी रिपोर्ट के आधार पर खबर प्रकाशित की है आैर इसकी प्रति हमारे पास है. इसके अंश हम प्रकाशित भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रधान सचिव संजय कुमार ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है और सीनियर एसपी कुलदीप द्विवेदी से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है. एडीजी अभियान श्री मल्लिक ने अपने पत्र में बताया है कि तीन मार्च, 2015 के बाद ट्रैफिक पुलिस ने बिना परमिट वाले 300 ऑटो जब्त किये. गौर करनेवाली बात है कि रांची में बिना परमिट के 15,550 से अधिक अॉटाे चलते हैं. ऐसे में 22 माह में सिर्फ 300 ऑटो को पकड़ा जाना, ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करता है? एडीजी अभियान ने यह भी लिखा है कि ट्रैफिक पुलिस से किसी ऑटो चालक ने अब तक शिकायत नहीं की है. इसका मतलब यह निकलता है कि ट्रैफिक पुलिस ने किसी भी ऑटो चालक से कभी वसूली ही नहीं की, यह विश्वास करनेवाली बात नहीं है? कहीं ऐसा तो नहीं कि सब कुछ संगठित तरीके से हो रहा है, जहां किसी की शिकायत सुनी ही नहीं जाती? तभी तो लोग शिकायत करने सरकार तक पहुंच गये?

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