कार्रवाई: बायोमेट्रिक्स उठाव से पकड़ में आ रहे फरजी कार्ड, दो लाख से अधिक राशन कार्ड होंगे रद्द

रांची : राज्य में दो लाख से ज्यादा राशन कार्ड डिलिट होंगे. फेक (फरजी) होने की वजह से इन राशन कार्ड को हटाया जायेगा. इसकी तैयारी चल रही है. पहले चरण में करीब 75 हजार राशन कार्ड चिह्नित कर लिये गये हैं, जो फरजी हैं. अगस्त से लेकर अभी तक राशन उठाव की स्थिति देखने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2017 7:19 AM

रांची : राज्य में दो लाख से ज्यादा राशन कार्ड डिलिट होंगे. फेक (फरजी) होने की वजह से इन राशन कार्ड को हटाया जायेगा. इसकी तैयारी चल रही है. पहले चरण में करीब 75 हजार राशन कार्ड चिह्नित कर लिये गये हैं, जो फरजी हैं. अगस्त से लेकर अभी तक राशन उठाव की स्थिति देखने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि सात जिलों में इतने राशन कार्ड फरजी हैं. रांची, हजारीबाग, गढ़वा, चतरा, सरायकेला-खरसावां, जामताड़ा व खूंटी जिले के उठाव के आधार पर इन राशन कार्ड को हटाने का फैसला लिया गया है. इस माह के अंत तक इन कार्ड को डिलिट कर दिया जायेगा.

खाद्य आपूर्ति विभाग ने पहले चरण में रांची, हजारीबाग, सरायकेला-खरसावां, गढ़वा, चतरा, जामताड़ा व खूंटी में बायोमिट्रिक्स सिस्टम से राशन वितरण की व्यवस्था की. पांच माह के उठाव में पाया गया कि बड़ी संख्या में उपभोक्ता राशन लेने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में इसकी ठीक से मॉनिटरिंग की गयी, तो पाया गया कि फरजी कार्ड होने की वजह से ही उपभोक्ता राशन लेने नहीं पहुंच रहे हैं. इनका कार्ड जन वितरण दुकानदारों के पास पड़ा रह जा रहा है. मामला देखने के बाद इन सारे कार्ड को डिलिट करने का फैसला लिया गया.
बढ़ सकती है संख्या
राज्य के सात में से दो जिलों जामताड़ा व खूंटी में बायोमिट्रिक्स सिस्टम से राशन वितरण पूरी तरह कारगर नहीं हुआ है. इसमें कुछ काम बाकी हैं. ऐसे में इन जिलों में कितने उपभोक्ता राशन लेने नहीं पहुंच रहे हैं, इसका आंकड़ा पूरी तरह नहीं मिल पाया है. विभाग ने जल्द से जल्द व्यवस्था को लागू कर फरजी राशन कार्ड की संख्या भेजने को कहा है.
वर्षों से चल रहा था गोरखधंधा
जन वितरण प्रणाली में वर्षों से गोरखधंधा चल रहा था. फरजी कार्ड भरे हुए थे. फरजी कार्ड के आधार पर ज्यादा राशन का उठाव हो रहा था. उपभोक्ताअों के साथ ही इसका लाभ जन वितरण प्रणाली के डीलर भी उठाते आ रहे थे. हाल ही में खाद्य अापूर्ति विभाग ने बायोमिट्रिक्स सिस्टम से वितरण लागू किया, तो गड़बड़ियां पकड़ में आनी शुरू हो गयी.

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