टीम इस बात का पता लगाने में जुटी है कि यह बैच नंबर असली है या फर्जी और हरियाणा-पंजाब की शराब है तो यह झारखंड कैसे पहुंच रही है. इधर, आर्थिक अपराध शाखा बिहार ने एक जांच अलग से शुरू कर दी है. पटना की टीम शराब के धंधे से अर्जित काली कमाई का पता लगाने में जुट गयी है. एक पदाधिकारी ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा आजसू नेता द्वारा अर्जित काली कमाई का पता लगा रही है. गिरोह में शामिल सभी सदस्यों के बैंक खातों पर भी नजर है. इनके डिटेल खंगाले जा रहे हैं. ज्ञात हो कि एसटीएफ व नवादा पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार रात को नवादा बस्ती, कोरियाडीह, बंगाली मोहल्ला में छापामारी कर भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब जब्त की थी. वहीं दो युवकों सेवई सिंह, सुनील यादव को गिरफ्तार किया गया था.
संदीप भदानी शहर के लोगों के लिए वैसे तो एक अनजाना नाम ही है. लेकिन मोहल्ले के लोगों को उसकी गतिविधियों पर शक जरूर होता था, लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि एक दिन यह एसटीएफ बिहार के लपेटे में होगा. संदीप भदानी (पिता- चिंतामणि राम) मूल रूप से सरमाटांड़ के पास स्थित गांव बेहराडीह का रहने वाला है. जानकारों के अनुसार करीब 20 वर्ष पहले वह अपने पिता व एक भाई के साथ तिलैया शहर आया था, जबकि एक भाई अभी भी बेहराडीह में रहता है. संदीप तिलैया में अपने पिता व पत्नी के साथ अलग घर में रहता था.
पहले उसने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद शहर के प्रतिष्ठित परिवार से मकान का अधिकार हासिल किया, फिर विद्यापुरी में भी आलीशान मकान बनाया. बसंत मेडिकल के नाम से डाॅक्टर गली में एक दुकान खोली और इसके ऊपरी हिस्से में रहने लगा. लोग बताते हैं कि लाखों रुपये के कर्ज में डूबने के बाद उसने विद्यापुरी के मकान को लाखों रुपये में बेच कर बचा पैसा अवैध धंधे में डाल दिया. इससे पूर्व भी वह शराब का अवैध धंधा छोटे-मोटे स्तर पर करता रहा है, पर धीरे-धीरे उसने अपना कद बढ़ा लिया. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद शराब के तस्करों की बांछे खिल गयी और अवैध शराब कोडरमा के सीमावर्ती जिला पड़ने के कारण यहां से भेजी जाने लगी. संदीप बाद में मुख्य गिरोह में शामिल होकर पटना में रह कर इस व्यापार को फैलाने लगा. एसटीएफ बिहार ने शराब बरामदगी मामले में मनोज यादव के बाद संदीप भदानी को ही बड़े सप्लायर के रूप में चिह्नित किया है. इधर, पूरा मामला साफ होने के बाद तिलैया में संचालित बसंत मेडिकल व ऊपरी हिस्से में ताला लगा है. आसपास के लोगों ने बताया कि परिवार के लोग ताला लगा कर कहीं चले गये हैं. उन्हें डर है कि एसटीएफ की दबिश आने वाले समय में यहां भी पड़ सकती है.