सरकार पर राहुल ने न सुनी, न सुनायी
रांची/नयी दिल्ली: झारखंड में सरकार गठन को लेकर उहापोह की स्थिति अब भी बरकरार है. कांग्रेस आलाकमान इस आकलन में जुटा है कि झामुमो के साथ मिल कर सरकार बनाना ज्यादा फायदेमंद होगा या फिर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किये गये कामकाज की बदौलत चुनाव में उतरना. साथ ही झामुमो सहित अन्य क्षेत्रीय दलों को […]
रांची/नयी दिल्ली: झारखंड में सरकार गठन को लेकर उहापोह की स्थिति अब भी बरकरार है. कांग्रेस आलाकमान इस आकलन में जुटा है कि झामुमो के साथ मिल कर सरकार बनाना ज्यादा फायदेमंद होगा या फिर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किये गये कामकाज की बदौलत चुनाव में उतरना.
साथ ही झामुमो सहित अन्य क्षेत्रीय दलों को गंठबंधन का सहयोगी बना कर अपनी स्थिति मजबूत करना. शुक्रवार को दोपहर बाद सवा तीन बजे कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी की ओर से बुलायी गयी बैठक लगभग एक घंटे तक चली. बैठक में सरकार गठन पर कोई चर्चा नहीं हुई. राहुल ने सरकार पर न सुनी और न ही सुनायी.
सिर्फ संगठन दुरुस्त करने का निर्देश दिया. राहुल ने प्रदेश अध्यक्ष से कहा : जमीन पर काम करें. ग्रास रूट स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद कायम हो. प्रखंड स्तर पर जायें और काम करनेवालों को आगे लायें. पूरी पार्टी टीम वर्क की मानसिकता से काम करे. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने प्रदेश के नेताओं को मिशन-2014 का टास्क दिया. प्रदेश के नेताओं से संगठन और राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा की. बैठक के पहले राजेंद्र सिंह सोनिया गांधी से मिले और प्रदेश के राजनीतिक हालात बताये.
बैठक में थे : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी, अहमद पटेल, झारखंड के प्रभारी शकील अहमद, सेकेट्ररी आशा कुमारी, प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और विधायक दल के नेता राजेंद्र सिंह शामिल हुए.
सरकार का गठन आज के एजेंडे में शामिल नहीं था. इसमें स्वाभाविक रूप से कुछ वक्त लगेगा. अभी तय नहीं किया गया है कि कांग्रेस सरकार बनाने की पहल करेगी या फिर विधानसभा भंग कर चुनाव की सिफारिश की जायेगी. प्रदेश के नेताओं की राय इस मसले पर बंटी हुई है. कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो सरकार बनाने के बजाय चुनाव में जाना चाहते हैं. गंठबंधन और सरकार के सवाल पर पार्टी विस्तार से चर्चा कर ठोस निर्णय लेगी.
शकील अहमद, प्रदेश प्रभारी
बैठक में संगठन को मजबूत करने के लिए मुङो फैसला लेने का पूरा अधिकार दिया गया है. राष्ट्रीय नेताओं ने कई दिशा-निर्देश दिये हैं. संगठन के काम में जुटने को कहा गया है. हम गांव-गांव तक पहुंचेंगे. राहुल गांधी के दिशा-निर्देश में पार्टी मजबूत होगी.
सुखदेव भगत, प्रदेश अध्यक्ष
यह रूटीन बैठक थी. प्रत्येक तीन माह पर संगठन के कामकाज पर चर्चा होती है. झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद यह पहली बैठक थी, इसलिए संगठन की मजबूती पर विस्तार से चर्चा हुई. कांग्रेस उपाध्यक्ष के सामने हमने संगठन, चुनाव, सरकार पर राय रखी. अब यह उन पर है कि वे इस पर क्या फैसला लेते हैं. सरकार गठन के मसले पर आगामी कुछ दिनों में कोई ठोस निर्णय हो सकता है.
राजेंद्र सिंह, कांग्रेस विधायक दल के नेता