प्रदूषण पर हाइकोर्ट का सरकार को निर्देश, पुख्ता पॉलिसी बनायें पॉलिथीन को बैन करें
रांची: रांची शहर में वाहनों से हो रहे प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मंगलवार को हाइकोर्ट ने सरकार को कई निर्देश दिये. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्रदूषण की रोकथाम के लिए पुख्ता पॉलिसी बनाने का आदेश दिया. पॉलिथीन को प्रतिबंधित करने […]
रांची: रांची शहर में वाहनों से हो रहे प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मंगलवार को हाइकोर्ट ने सरकार को कई निर्देश दिये. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्रदूषण की रोकथाम के लिए पुख्ता पॉलिसी बनाने का आदेश दिया. पॉलिथीन को प्रतिबंधित करने को कहा. खंडपीठ ने कहा : 11 सितंबर 2013 को जारी अधिसूचना का अनुपालन कराया जाये.
मोक मॉनिटर, गैस एनलाइजर उपलब्ध कराये जायें : खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि संबंधित अधिकारियों को स्मोक मॉनिटर, गैस एनलाइजर उपकरण उपलब्ध कराये जायें, ताकि वे प्रदूषण की जांच कर सकें. 10 वर्ष से अधिक पुराने अॉटो के परिचालन पर सरकार विचार करे. सरकार को 15 वर्ष पुराने कॉमर्शियल वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का निर्णय लेना चाहिए. गाड़ियों में प्रेशर हॉर्न पूरी तरह से बंद किया जाये.
एनओसी देने में विलंब न हो : खंडपीठ ने कहा : अब तक सीएनजी और एलपीजी की आउट-लेट भी स्थापित नहीं की जा सकी है. रांची, धनबाद, जमशेदपुर व बोकारो में एलपीजी आउट लेट की स्थापना की जाये. एनअोसी देने में किसी प्रकार का विलंब नहीं किया जाना चाहिए. रांची, धनबाद व जमशेदपुर में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनाया जाये. सरकार इन सभी बिंदुओं को समाहित करते हुए एक मुकम्मल व प्रभावी नीति बनाये. खंडपीठ ने केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण कानून व सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पूरे राज्य में अनुपालन कराने का निर्देश दिया. इसके साथ ही याचिका को निष्पादित कर दिया. प्रार्थी रजनीश मिश्रा की ओर से अधिवक्ता दिलीप जेरथ व अधिवक्ता अमृताश वत्स उपस्थित थे.