शिक्षक नियुक्ति. फरजी प्रमाण पत्र पर नियुक्ति के बाद अब नया मामला, टेट में फेल को पास बता सत्यापित कर रहा गिरोह, जैक कर्मचारी भी शामिल
रांची : प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में फरजीवाड़ा का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पहले फरजी प्रमाण पत्र पर नियुक्ति का मामला सामने आया. जांच के दौरान राज्य में 250 से अधिक फरजी नियुक्ति का खुलासा भी हुआ. अब फरजी प्रमाण पत्र को भी सत्यापित कराने का मामला […]
रांची : प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में फरजीवाड़ा का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पहले फरजी प्रमाण पत्र पर नियुक्ति का मामला सामने आया. जांच के दौरान राज्य में 250 से अधिक फरजी नियुक्ति का खुलासा भी हुआ. अब फरजी प्रमाण पत्र को भी सत्यापित कराने का मामला सामने आया है. शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में फेल कुछ अभ्यर्थियों ने फरजी तरीके से पास होने का सर्टिफिकेट बनवाया और फिर उसे जैक कर्मी की मिलीभगत से सत्यापित भी करा लिया. इसके लिए पूरा एक गिरोह सक्रिय है. इस नये मामले के खुलासे के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष ने एक कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी है.
जांच के लिए कमेटी भी गठित की गयी है. जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह का कहना है कि जांच के बाद मामले में दोषी पाये जानेवाले अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. फरजी प्रमाण पत्र बनाने के बाद शिक्षा माफिया अब इसे सत्यापित कराने के लिए परीक्षा बोर्ड के कर्मचारियों से संपर्क कर गड़बड़ी कर रहे हैं.
ऐसे हुआ मामला खुलासा : इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब धनबाद के जिला शिक्षा अधीक्षक को एक ही प्रमाण पत्र के सत्यापन की दो रिपोर्ट मिली. दोनों रिपोर्ट पर जैक के संबंधित अधिकारी का हस्ताक्षर था. पर फरजी सत्यापन रिपोर्ट में जैक की मुहर नहीं लगी थी और अधिकारियों का हस्ताक्षर भी फरजी था. प्रारंभिक जांच में पता चला कि इस पर किये गये हस्ताक्षर भी फरजी थे. धनबाद के जिला शिक्षा अधीक्षक दो रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की जांच करने खुद जैक कार्यालय पहुंच गये. उन्होंने मामले की जांच की और पाया कि करीब 135 फरजी प्रमाण पत्र को गलत तरीके से सत्यापित कर भेजा गया था. इसके सत्यापन का कोई रिकॉर्ड जैक कार्यालय में नहीं मिला. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जैक ने भी इन सभी प्रमाण पत्र को फरजी बताया था.
फरजी प्रमाण पत्र सत्यापन में पकड़ा गया हीरालाल प्रमाणिक
मामले की जांच के दौरान फरजी प्रमाण पत्र को सत्यापित कर रहे जैक कर्मचारी हीरालाल प्रमाणिक पकड़ा गया. हीरालाल फरजी प्रमाण पत्र को सत्यापित कर इसकी रिपोर्ट साहेबगंज भेज रहा था. उसने रिपोर्ट को जैक परिसर स्थित डाकघर में जमा कराया था और वहां मौजूद कर्मी को तत्काल इसे साहेबगंज भेजने को कहा था. पर पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं होने के कारण डाक कर्मी ने इसकी सूचना डिस्पैच प्रभारी को दे दी. प्रभारी ने सीलबंद रिपोर्ट को जैक सचिव के पास जमा कर दिया. जैक अध्यक्ष, सचिव, प्रभारी व हीरालाल की उपस्थिति में रिपोर्ट खोली गयी. पाया गया कि फरजी हस्ताक्षर कर फेल अभ्यर्थी को पास बता कर सत्यापन रिपोर्ट भेजी जा रही थी.
जांच के लिए बनी कमेटी, दोषी कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
एक फेल अभ्यर्थी के प्रमाण पत्र को पास कर सत्यापित रिपोर्ट देने का मामला पकड़ में आया है. प्रारंभिक जांच में दोषी पाये गये कर्मी हीरालाल प्रमाणिक की सेवा समाप्त कर दी गयी है. कृष्णा दास व कुंजबिहारी को अभिलेखागार विभाग से हटा दिया है. अभिलेखागार की पूरी व्यवस्था बदल दी गयी है. जांच कमेटी मामले की जांच कर रही है. रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाये गये और कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
– डॉ अरविंद प्रसाद सिंह, जैक अध्यक्ष