ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस करें हेल्थ सिस्टर्स : फेलिक्स टोप्पो

रांची: सोशल इनिशिएटिव्स फॉर ग्रोथ एंड नेटवर्किंग (साइन) के अध्यक्ष बिशप फेलिक्स टोप्पो ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं हैं, इसलिए चर्च के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है़ वे साइन व कम्युनिटी डेवलपमेंट मेडिसिनल यूनिट (सीडीएमयू) द्वारा ‘कंटेनिंग एंटीमाइक्रोबियल रेजिसटेंस एंड रोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2017 12:59 AM
रांची: सोशल इनिशिएटिव्स फॉर ग्रोथ एंड नेटवर्किंग (साइन) के अध्यक्ष बिशप फेलिक्स टोप्पो ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं हैं, इसलिए चर्च के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है़ वे साइन व कम्युनिटी डेवलपमेंट मेडिसिनल यूनिट (सीडीएमयू) द्वारा ‘कंटेनिंग एंटीमाइक्रोबियल रेजिसटेंस एंड रोल ऑफ स्टैंडंर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइंस’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे़ यह आयोजन झारखंड के विभिन्न डायसिस की हेल्थ सिस्टर्स के लिए एसडीसी सभागार, पुरूलिया रोड में बुधवार को हुआ़.
स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन का पालन करें : डॉ प्रदीप
झारखंड सरकार के कम्युनिटी डेवलपमेंट सेल के नोडल ऑफिसर डॉ प्रदीप बास्के ने कहा कि एंडीबायोटिक्स ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया है़ मौतें कम हुई है़ं, पर इसका पूरा खुराक नहीं लेने से एंटीबायोटिक रेजिसटेंस पैदा होता है़ इससे बचने के लिए आवश्यक है कि स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन का अनुपालन करे़ं सीडीएमयू के सचिव डीपी पोद्दार ने कहा कि एंटीबायोटिक्स के प्रयोग में सटीक होना महत्वपूर्ण है़ अपने स्वास्थ्य केेंद्रों में एंटीबायोटिक्स मैनेजमेंट लागू करे़ं हमें लोगों की अच्छी देखभाल की दिशा में व्यवस्थित रूप से उत्कृष्टता (परफेक्शन) की ओर बढ़ना है़.

साइन के निदेशक फादर क्रिस्टोदास ने कहा कि जल्द स्वस्थ करने के लिए एंटीबायोटिक्स का जरूरत से ज्यादा प्रयोग खतरनाक है़ चिकित्सा के मामले में शॉर्टकट नहीं चलते़ यूनीसेफ, झारखंड की सीएफओ डॉ मधुलिका जोनाथन ने कहा कि हेल्थ सिस्टर्स उन सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों पर, जहां सुविधाएं कम हैं, फोकस करे़ं जानकारियों के मामले में खुद को अद्यतन रखे़ं दूसरे सत्र में साइन द्वारा जारी स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन के पूरी तरह अनुपालन का निर्णय लिया गया़ दो साल की कार्ययोजना भी तय की गयी़ इस आयोजन में एक्यूमेनिकल फार्मास्यूटिकल नेटवर्क ने सहयोग दिया़

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