बजट सत्र: लगातार चौथे दिन नहीं चला प्रश्नकाल, वेल में धरना पर बैठे विधायक, झामुमो विधायकों ने नहीं चलने दिया सदन
झामुमो ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट वापस लेने की मांग को लेकर चौथे दिन भी सदन नहीं चलने दिया़ इससे पहले प्रश्नकाल जैसे ही शुरू हुआ, झामुमो विधायक उठ खड़े हुए और संशोधन की मांग को लेकर वेल में घुस आये़ स्पीकर लगातार उनसे अपनी सीट पर बैठने का आग्रह करते रहे, लेकिन वे सुनने को तैयार […]
झामुमो ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट वापस लेने की मांग को लेकर चौथे दिन भी सदन नहीं चलने दिया़ इससे पहले प्रश्नकाल जैसे ही शुरू हुआ, झामुमो विधायक उठ खड़े हुए और संशोधन की मांग को लेकर वेल में घुस आये़ स्पीकर लगातार उनसे अपनी सीट पर बैठने का आग्रह करते रहे, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं थे़ अंतत: स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित कर दी़.
रांची : सदन की कार्यवाही चौथे दिन भी बाधित रही़ बजट सत्र में अब तक प्रश्नकाल बाधित रहा़ झामुमो विधायक सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर सदन के अंदर विरोध कर रहे है़ं झामुमो के विधायक सदन चलने नहीं दे रहे है़ं शुक्रवार को सदन शुरू होते ही चार विधायकों के निलंबन पर चर्चा शुरू हुई़ सदन का माहौल गंभीर था़ पक्ष-विपक्ष ने अपनी बातें रखी़ं.
सदन इस दौरान व्यवस्थित रहा़ निलंबन पर चर्चा जैसे ही खत्म हुई, प्रश्नकाल शुरू हुआ़ इसके बाद झामुमो विधायक अपनी जगह पर खड़े हो गये़ झामुमो विधायक चंपई सोरेन सीएनटी-एसपीटी पर जोर-जोर से बोलने लगे़ विधायक का कहना था कि आदिवासी-मूलवासी उजड़ जायेंगे़ जनता को हमसे उम्मीद है़ संशोधन वापस होना चाहिए़ इसके बाद झामुमो के सभी विधायक वेल में घुस गये़ स्पीकर दिनेश उरांव झामुमो से बार-बार विधायकों को अपनी सीट पर बैठने के लिए आग्रह करते रहे़ लेकिन, झामुमो विधायक सुनने के लिए तैयार नहीं थे़ सत्ता पक्ष ने झामुमो विधायकों के वेल में घुसने का विरोध किया़ सत्ता पक्ष के राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि यह सब ठीक नहीं है़ अभी मर्यादा की बात हो रही थी़ प्रश्नकाल बाधित करना भी मर्यादा के अनुकूल नहीं है़ .
सत्ता पक्ष के अनंत ओझा, विरंची नारायण, निर्भय शाहबादी भी झामुमो विधायकों के रवैये के खिलाफ बोलते रहे़ इस दौरान सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष में कांग्रेस और झाविमो के विधायक लाचार बैठे रहे़ सदन में अव्यस्था के दौरान स्पीकर श्री उरांव परेशान और व्यथित दिखे़ सदन में अव्यवस्था देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी़ दूसरी पाली में कार्यवाही शुरू हुई, तो स्पीकर ने अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के लिए प्रदीप यादव को बोलने काे कहा़ श्री यादव का कहना था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, आज नहीं बोलेंगे़ इसके बाद स्पीकर ने राधाकृष्ण किशोर का नाम पुकारा़ श्री किशोर बोलने खड़े होते, उससे पहले झामुमो विधायक वेल में आ कर धरना पर बैठ गये़ बार-बार स्पीकर के आग्रह को भी नहीं माना़ इसके बाद स्पीकर ने पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी़.
हो-हल्ला में विरंची का सवाल आया, मंत्री ने जवाब दिया : सदन में अव्यस्था के दौरान ही सत्ता पक्ष के विधायक विरंची नारायण का सवाल आया़ श्री नारायण का सवाल था कि दवा दुकानदारों काे ऑनलाइन लाइसेंस देने की प्रक्रिया सरकार ने शुरू की है़ राज्य में 20 हजार से ज्यादा खुदरा और हॉलसेल दुकान है़ं राज्य में करीब 2 हजार ही फॉर्मसिस्ट है़ं फर्मासिस्ट रखने की बाध्यता है़ ऐसे में राज्य की पांच हजार दवा दुकानें बंद हो जायेगी, इसके लिए सरकार क्या कर रही है़ मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी का जवाब था कि हम केंद्र सरकार को नियम में परिवर्तन का आग्रह करेंगे़ राज्य में दवा दुकानों को बंद नहीं होने दिया जायेगा़ सदन में अव्यवस्था का सवाल उठाते हुए राधाकृष्ष्ण किशोर ने कहा कि ऐसे में प्रश्नकाल नहीं चल सकता है़ पहले सदन को आर्डर में लाया जाये, तब प्रश्नकाल हो़ स्पीकर ने प्रश्नकाल स्थगित कर दिया़ आगे दूसरे विधायकों के सवाल नहीं आये़
निलंबित विधायकों के विधानसभा में प्रवेश पर लगी रोक, बाहर धरना पर बैठे
विपक्ष के निलंबित विधायकों को विधानसभा के अंदर प्रवेश करने से रोका गया. शुक्रवार को सभी निलंबित विधायक सदन के अंदर पहुंचे थे. वे विधानसभा के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन मार्शल ने उन्हें रोक दिया. विधायकों का कहना था कि वे सदन में नहीं जायेंगे, लेकिन प्रतिपक्ष की बैठक में शामिल होंगे. बाहर गेट पर तैनात मार्शल का कहना था कि अंदर जाने की अनुमति नहीं है. सबसे पहले अमित महतो व पौलुस सुरीन को रोका गया. दोनों विधायक वहीं धरना पर बैठ गये. फिर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी व झामुमो के शशिभूषण सामड़ भी पहुंचे और बाहर लॉबी में ही धरने पर बैठ गये. विधायक निलंबन से नाराज थे. उन्होंने सरकार से लेकर स्पीकर तक पर अपनी भड़ास निकाली.
संशोधन वापस लें, माफी मांगना तो क्या मुख्यमंत्री के चरण छू लेंगे : इरफान
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी का कहना था कि सरकार हमें गुंडा कह रही है. सदन के अंदर माफी मांगने की बात हुई है. हम सीएनटी-एसपीटी के लिए गोली खाने के लिए तैयार हैं. हम इस मुद्दे पर नहीं झुकेंगे. हमें माफी मांगने के लिए कहा जा रहा है, तो सरकार सीएनटी-एसपीटी संशोधन वापस ले. हम मुख्यमंत्री के चरण छू लेंगे. उनके पैर पकड़ कर माफी मांगेंगे. हमें सदाचार समिति से निलंबित किया गया है. अध्यक्ष खुद कार्रवाई कर सकते थे. कमेटी से क्यों निलंबित कराया. विधायक हम पर कार्रवाई नहीं कर सकता है.
गुनाह बताये सरकार, इस मुद्दे पर समझौता नहीं : अमित महतो
झामुमो विधायक अमित महतो ने कहा कि हमारा गुनाह सरकार बताये. हमें क्यों निलंबित किया गया, इसका जवाब देना होगा. हमें विधानसभा में घुसने तक नहीं दिया जा रहा है. पुलिस सरकार की है, जो करना है करे. दलगत भावना से प्रेरित हो कर कार्रवाई की गयी है. हमें जनता ने चुना है. सीएनटी-एसपीटी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता है. सरकार इसे वापस ले.
हम सरकार के नौकर नहीं, जनता ने चुना है : सामड़
झामुमो विधायक शशिभूषण सामड़ ने कहा कि हम मर जायेंगे, लेकिन झुकना नहीं सीखा है. सीएनटी-एसपीअी पर कोई समझौता नहीं होगा. हम सरकार के नौकर नहीं हैं. जनता ने चुन कर भेजा है. हम जनता को जवाब देंगे. सरकार तानाशाह हो गयी है.
विधायकों के निलंबन पर नरम पड़ा सदन, पक्ष-विपक्ष ने कहा गरिमा का ध्यान रहे, लक्ष्मण रेखा पार न करें
रांची. विपक्ष के चार निलंबित विधायकों के निलंबन वापस करने को लेकर शुक्रवार को सदन नरम पड़ा़ विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने चार निलंबित माननीयों के निलंबन वापस लेने पर सकारात्मक चर्चा की़ पक्ष के विधायकों का भी कहना था कि इस तरह की कड़ी कार्रवाई से किसी को प्रसन्नता नहीं होती है़ हृदय से, मन से प्रायश्चित कर लिया जाये, तो माफ कर देना चाहिए़ इस मसले पर चर्चा के दौरान विधायकों का कहना था कि विधानसभा सवा तीन करोड़ जनता का विश्वास है़ यह लोकतंत्र का मंदिर है़.इसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए़ आसन का सम्मान होना चाहिए़ विरोध हो, लेकिन मर्यादा में विरोध होना चाहिए़ आक्रोश में कोई लक्ष्मण रेखा पार न करे़ स्पीकर दिनेश उरांव का भी कहना था कि दायित्व के निर्वहन में कुछ कठोर निर्णय लेने पड़ते है़ं जिनके खिलाफ निर्णय होता है, वे भी आहत होते है़ं सदन की गरिमा बचाने में सबकी भूमिका है़ सदन की राय के पश्चात चार विधायकों को निलंबित किया गया़.
इससे पूर्व शुक्रवार को सभा की कार्यवाही शुरू होते ही प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने विधायकों के निलंबन का मामला उठाते हुए आसन से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा़ इसके बाद सदन के नेता और मुख्यमंत्री रघुवर दास, संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय, झाविमो विधायक प्रदीप यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने अपनी बातें सदन में रखी़
नये विधायक हैं, पहली बार चुन कर आयें हैं, पुनर्विचार हो : हेमंत
प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने विधायकों के निलंबन का मामला उठाते हुए कहा कि अासन की अपनी गरिमा है़ 23 नवंबर को सदन की कार्यवाही में कुछ असंसदीय बातें आयीं होगी़ बहुत सारे सत्र में पहले भी घटनाएं हुई है़ स्पीकर ने रास्ता निकाला था़ सीएनटी-एसपीटी महत्वपूर्ण मुद्दा है़ आज भी ज्वलंत मुद्दा है़ इसको लेकर विधायक विरोध कर रहे है़ं स्पीकर विधायिका की गरिमा को देखते हुए रास्ता निकाले़ं जिन विधायकों का निलंबन हुआ है, वे नये विधायक है़ं पहली बार चुन कर आये है़ं अासन अपने फैसले पर पुनर्विचार करे़.
उत्तेजना में विवेक न खोयें, मर्यादा में रह कर विरोध होना चाहिए : सरयू
संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने चर्चा के दौरान कहा कि ऐसे निर्णय से किसी को प्रसन्नता नहीं हाेती है़ सदन में नियमावली के तहत आचरण होना चाहिए़ विपक्ष को विरोध का अधिकार है़ सभी बातें विपक्ष मान ले, ऐसा नहीं होता है़ लेकिन विरोध मर्यादा में रह कर करना चाहिए़ सदन में गंभीर से गंभीर समस्या पर बात होती है़ उत्तेजना में विवेक लुप्त हो जाते है़ं ऐसा नहीं होना चाहिए़ अासन सर्वोपरि और पक्षपात रहित होता है़ अासन के ऊपर कुरसी फेंकना, स्प्रे फेंकना जैसी घटनाएं शर्मसार करती है़ सदन के बाहर और भीतर विरोध के तरीके में अंतर होना चाहिए़ हम विधानसभा में ऐसी लकींर खींचे, जो अनुकरणीय हो़
हम सब लोकतंत्र के वाहक, लक्ष्मण रेखा पार नहीं होनी चाहिए : प्रदीप
झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि विधानसभा लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे ऊपर की कड़ी है़ आसन के ऊपर विधानसभा चलाने की जवाबदेही है़ आसन की अपनी गरिमा और सम्मान है़ 23 तारीख को विधायक सीएनटी-एसपीटी को लेकर आक्रोशित थे़ आक्रोश में घटनाएं हुई़ं लेकिन यह भी सही है कि हमें लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए़ इससे व्यवस्था असंतुलित होगी़ पिछले 16 वर्षों में कई बार गलतियां हुई है़ मुझे भी एक दिन के लिए सस्पेंड किया गया था़ लेकिन मैंने आसन से माफी मांगी़ हम सभी स्वस्थ्य लोकतंत्र के वाहक है़ं