एनोस को जेल नहीं, गेस्ट हाउस में रखने की तैयारी

रांची : कोलेबिरा के विधायक एनोस एक्का को सात फरवरी तक जेल के बदले गेस्ट हाउस में रखने की तैयारी की गयी है. रांची के सिटी एसपी व एडीएम लॉ एंड आर्डर की रिपोर्ट के आधार पर डीसी मनोज कुमार ने 19 जनवरी को गृह विभाग से इसकी अनुशंसा की है. धुर्वा स्थित गृह रक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2017 7:13 AM
रांची : कोलेबिरा के विधायक एनोस एक्का को सात फरवरी तक जेल के बदले गेस्ट हाउस में रखने की तैयारी की गयी है. रांची के सिटी एसपी व एडीएम लॉ एंड आर्डर की रिपोर्ट के आधार पर डीसी मनोज कुमार ने 19 जनवरी को गृह विभाग से इसकी अनुशंसा की है. धुर्वा स्थित गृह रक्षा वाहिनी के प्रशिक्षण केंद्र परिसर में स्थित गेस्ट हाउस को शिविर कारा (कैंप जेल) में अधिसूचित करने का निर्णय लेने को कहा है. डीसी ने अधिसूचना जारी करने से पहले जेल आइजी की सहमति लेने की भी बात भी कही है. एनोस अभी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं. बजट सत्र के दौरान उन्हें जेल से ही विधानसभा में उपस्थित कराया जाता है.
स्पेशल ब्रांच ने भी दिया है मंतव्य
स्पेशल ब्रांच ने 19 जनवरी को ही सरकार के पत्र के आलोक में अपना मंतव्य दिया है. इसमें भी एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कहा गया है कि विधायक एनोस एक्का पर खतरे की आशंका को देखते हुए सात फरवरी तक उन्हें विधानसभा के अतिथि गृह या इसके आसपास रहने की व्यवस्था करना उचित होगा. हालांकि इन दोनों रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है.
हत्या के मामले में जेल में बंद हैं एनोस एक्का
सिमडेगा के कोलेबिरा में पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में एनोस एक्का को गिरफ्तार किया गया है. जांच के दौरान पुलिस इस नतीजे पर पहुंची थी कि एनोस एक्का के कहने पर ही उग्रवादी बारूद गोप ने मनोज कुमार की हत्या की. सिमडेगा पुलिस ने 26 नवंबर 2014 को एनोस एक्का को गिरफ्तार किया था. तभी से वह न्यायिक हिरासत में हैं.
स्पेशल ब्रांच ने दी खतरे की रिपोर्ट, सात फरवरी तक के लिए हो सकती है व्यवस्था
एनोस ने किया था अनुरोध
जानकारी के मुताबिक विधायक एनोस एक्का ने सरकार को पत्र लिख कर कहा था कि अदालत ने उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति दी है. उनकी जान पर खतरा है. इसलिए विधानसभा सत्र के दौरान उनके रहने की व्यवस्था विधानसभा परिसर या आस-पास में की जाये. एनोस एक्का का पत्र मिलने के बाद गृह विभाग ने स्पेशल ब्रांच और रांची के डीसी से रिपोर्ट मांगी थी.

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