टेंडर फाइनल होने से पहले ही उपकरणों की आपूर्ति
संजय रांची : स्वास्थ्य विभाग में टेंडर फाइनल होने से पहले ही उपकरणों की आपूर्ति कर दी गयी है. ये उपकरण नवनिर्मित ब्लड बैंक के लिये खरीदे जाने थे. पर टेंडर प्रक्रिया के बीच में ही एक फर्म ने गुमला, लोहरदगा व रांची में बैंक से संबंधित उपकरणों की आपूर्ति कर दी. इनका स्पेसिफिकेशन भी […]
संजय
रांची : स्वास्थ्य विभाग में टेंडर फाइनल होने से पहले ही उपकरणों की आपूर्ति कर दी गयी है. ये उपकरण नवनिर्मित ब्लड बैंक के लिये खरीदे जाने थे. पर टेंडर प्रक्रिया के बीच में ही एक फर्म ने गुमला, लोहरदगा व रांची में बैंक से संबंधित उपकरणों की आपूर्ति कर दी. इनका स्पेसिफिकेशन भी तय नहीं था.
यही नहीं सिविल सर्जन, गुमला ने विभाग से पूछे बगैर लगभग दोगुने दाम वाले इन उपकरणों को रिसीव भी कर लिया है. जबकि यहां पहले से ब्लड बैंक कार्यरत है तथा उपकरण भी मौजूद हैं. केंद्र सरकार की तय दर पर एक बैंक के लिए विभिन्न उपकरणों पर करीब 55 लाख रुपये खर्च होते हैं. पर गुमला में 1.17 करोड़ की लागत से उपकरणों की आपूर्ति की गयी है. लोहरदगा व रांची सहित कुछ अन्य जिलों में भी इसी दर पर आपूर्ति हुई है तथा अब इन्हें रिसिव करने का जुगाड़ लगाया जा रहा है.
पूर्व स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी के कार्यकाल में ही उपकरणों की आपूर्ति के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी थी. इसके बाद जब के विद्यासागर फिर से स्वास्थ्य सचिव बने, तो उन्होंने समीक्षा के दौरान दोगुने दर संबंधी मामला पकड़ा.
इसके बाद उन्होंने तत्काल इस पर रोक लगाते हुए उपकरणों की खरीद के लिए एक कमेटी का गठन किया. कमेटी ने तय किया कि भारत सरकार के निर्धारित दर पर उपकरणों की खरीद हो सकती है. इसके बाद प्रति ब्लड बैंक अधिकतम 55 लाख की दर से राशि आवंटित कर खरीद के लिए टेंडर निकाला गया है. इधर इस प्रक्रिया के बीच में ही एक फर्म ने उपकरणों की आपूर्ति कर दी है.
बैंक में भी गड़बड़ी : इधर, ब्लड बैंक निर्माण में भी गड़बड़ी हुई है. विभाग ने राज्य के उन अाठ जिलों में ब्लड बैंक बनाने की योजना बनायी थी, जहां बैंक नहीं थे. इनमें रांची, जमशेदपुर, जामताड़ा, सरायकेला, गोड्डा, खूंटी, रामगढ़ व बोकारो जिले शामिल थे. पर विभाग के इंजीनियरिंग सेल ने पहले पांच को छोड़ उन तीन जगहों पर भी ब्लड बैंक का नया भवन बना दिया, जहां पहले से बैंक कार्यरत था.
गुमला, लोहरदगा व चाईबासा में अौसतन60-60 लाख रुपये की लागत से ये भवन बनाये गये हैं. जबकि यहां पहले से ब्लड बैंक कार्यरत हैं. दरअसल इन्हें खूंटी, रामगढ़ व बोकारो में बनाना चाहिए था. सूत्रों के मुताबिक पूर्व सचिव के विद्यासागर इसका खुलासा होने पर हैरान रह गये थे. अब उक्त तीनों जिलों में ब्लड बैंक के लिए सदर अस्पताल या अन्य सरकारी भवनों में ही ब्लड बैंक के लिए जगह तलाशी गयी है.