रांची: राज्य में नर्सिंग की पढ़ाई बेहतर करने के लिए झारखंड स्वास्थ्य विभाग व इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने नर्सिंग की पढ़ाई व ट्रेनिंग में बदलाव किया है. अब राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी जीएनएम व कॉलेज अॉफ नर्सिंग (बीएससी नर्सिंग) के विद्यार्थियों को नर्सिंग का रिजल्ट तब तक नहीं जारी होगा, जब तक कि वो दक्षता परीक्षा में पास नहीं होंगे.
अभी तक लिखित व मौखिक परीक्षा के बाद रिजल्ट मिल जाया करता था. अब परीक्षा के बाद परीक्षार्थी को पास के किसी अस्पताल में परीक्षक द्वारा दिये गये काम को पूरा करना होगा. अगर किसी को प्रसव कराने का काम दिया गया, तो उसे अस्पताल में आयी किसी गर्भवती महिला को प्रसव पूर्व और बाद के सभी काम को पूरा करना होगा, तभी उसे पास माना जायेगा. इसमें किसी तरह की कमी होने पर उसे अक्षम करार दिया जा सकता है. इसके अलावा कोर्स की समय सीमा भी बढ़ा दी गयी है. ज्ञात हो कि राज्य में नर्सिंग की पढ़ाई बेहतर करने के लिए राज्य सरकार ने जपाइगो के साथ एमओयू किया है. जपाइगो के विशेषज्ञों की पूरी कोशिश है कि राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी नर्सिंग संस्थानों में एक स्तर की पढ़ाई हो.
गुणवत्ता बढ़ाने की कोशिश है : डॉ सिंह
दिल्ली से आये जपाइगो के प्रोग्राम सलाहकार डॉ दिनेश सिंह ने बताया कि नर्सिंग की बेहतर पढ़ाई हो, इसके लिए जपाइगो राज्य के नर्सिंग कॉलेजों में तकनीकी सहयोग करता है. पढ़ाई का स्तर पूरे राज्य में एक सा हो, इसकी कोशिश है यह. सभी कॉलेज में जपाइगो के लोग जा कर पढ़ाई में सहयोग करते हैं. इस ट्रेनिंग का फायदा जल्द दिखेगा.
राज्य में बेहतर नर्सिंग देना है उद्देश्य : डॉ सुमंत
स्टेट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट अॉफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के निदेशक डॉ सुमंत मिश्रा ने बताया कि राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों में एक तरह की पढ़ाई हो, इसके लिए सरकार की ओर से पूरी तरह से व्यवस्था की गयी है. इस ट्रेनिंग का असर दिखेगा. जल्द ही सभी कॉलेजों में पढ़ाई की व्यवस्था एक होगी. राज्य के नर्सिंग कॉलेजों से पास विद्यार्थियों की मांग भी बढ़ेगी.