छिन्नमस्तिका मंदिर में जवान ने खुद का गला काटा

रजरप्पा : रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका देवी की पूजा करने आये संजय नट ने मंदिर के मुख्य द्वार पर अपना गला काट लिया. घटना मंगलवार सुबह करीब 6.23 बजे की है. संजय सीआरपीएफ में जवान (डॉग ट्रेनर) था और ओड़िशा में पदस्थापित था. बिहार के बक्सर स्थित सेमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव का रहनेवाला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2017 1:29 AM
रजरप्पा : रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका देवी की पूजा करने आये संजय नट ने मंदिर के मुख्य द्वार पर अपना गला काट लिया. घटना मंगलवार सुबह करीब 6.23 बजे की है. संजय सीआरपीएफ में जवान (डॉग ट्रेनर) था और ओड़िशा में पदस्थापित था. बिहार के बक्सर स्थित सेमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव का रहनेवाला संजय सोमवार को रजरप्पा पहुंचा था. मंगलवार सुबह भैरवी नदी में स्नान करने के बाद उसने मां छिन्नमस्तिके की पूजा-अर्चना की. फिर मंदिर की परिक्रमा की. इसके बाद उसने मंदिर के मुख्य द्वार के सामने बड़ी कटारी से खुद का गला रेत लिया. मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. मंदिर परिसर का एक भाग खून से भर गया. मौके पर मौजूद कई श्रद्धालु इस ह्दय विदारक घटना को देख कर बेहोश हो गये.
जेब से मिला कागज : सूचना के बाद पुलिस मंदिर परिसर पहुंची. मंदिर में पूजा-पाठ तत्काल रोक दिया गया. पुलिस को संजय की जेब से एक कागज पर घर का पता और मोबाइल नंबर लिखा मिला. पुलिस ने मोबाइल नंबर पर संपर्क किया. परिजनों को घटना की सूचना दी. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि संजय किसी तरह के तनाव में तो नहीं था. बताया जाता है कि उसने सोमवार शाम को भी पूजा-अर्चना की थी, सांध्य आरती में शामिल भी हुआ था. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संजय बली स्थल के आस-पास बार-बार मंडराता रहा. पर पुजारियों के कारण वह वहां अपना गला नहीं काट पाया.
साढ़े तीन घंटे तक बंद था मंदिर : घटना के बाद लगभग साढ़े तीन घंटे तक मंदिर का मुख्य द्वार बंद रहा. कई श्रद्धालु बिना पूजा किये ही वापस लौट गये. मंदिर का शुद्धिकरण किया गया. धोया गया. इसके बाद पूजा-अर्चना शुरू की गयी.
सीसीटीवी फुटेज में क्या घुटने के बल बैठ कर रेता गला
मंदिर प्रांगण में लगे सीसीटीवी के फुटेज से खुलासा हुआ है कि संजय ने सुबह करीब 5.30 बजे मंदिर के प्रवेश किया. पूजा करने के बाद 10-15 बार मंदिर की परिक्रमा की. इसके बाद वह बलि स्थल पर जाकर कुछ देर तक बैठा रहा. इस बीच उसने कई बार अपने गरदन का स्पर्श किया. इसके बाद मुख्य द्वार के समीप जाकर घुटने के बल पर बैठ गया और अपना गला रेत दिया. संजय पीठ पर गमछा में लपेट कर कटारी लाया था.
पत्नी ने बताया, 29 को घर से निकले थे
प्रभात खबर ने संजय की पत्नी शारदा देवी से मोबाइल पर बात की. शारदा देवी ने बताया कि उसके पति संजय नट 29 जनवरी को बिना बताये घर से निकले थे. किसी प्रकार की कोई कहा-सुनी नहीं हुई थी. संजय को दो पुत्र व दो पुत्री हैं. सूचना मिलने के बाद संजय के पिता ह्दय नट और चाचा रजरप्पा पहुंचे.
यह अंधविश्वास की पराकाष्ठा है
: डॉ अशोक प्रसाद
रिम्स के मनोचिकित्सक डॉ अशोक प्रसाद ने कहा कि कोई भी मानसिक रूप से स्वस्थ आदमी ऐसी हरकत नहीं कर सकता है. यह अंधविश्वास की पराकाष्ठा है, जिसे कोई मनोरोगी ही कर सकता है. जवान जरूर अवसादग्रस्त रहा होगा, जिसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं होगी. अगर परिवारवाले उसकी मन:स्थिति समझ पाते तो उसका इलाज कराते.
सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
घटना के बाद लोगों ने मंदिर की सुरक्षा पर सवाल उठाये हैं. लोगों का कहना है कि कोई भी श्रद्धालु हथियार लेकर मंदिर में प्रवेश कर जाता है. ऐसे में किसी दिन कोई बड़ी घटना घट सकती है. मंदिर में सुरक्षा की कोई भी तैयारी नहीं है.

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