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कृषि के साथ हो उद्योगों का विकास तभी तरक्की करेगा राज्य : सीएम
मंथन. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा रांची : सीमक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा बनायी गयी नीतियों से आकर्षित होकर निवेशक भी यहां निवेश करना चाह रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का विकास तभी होगा, जब कृषि […]
मंथन. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा
रांची : सीमक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा बनायी गयी नीतियों से आकर्षित होकर निवेशक भी यहां निवेश करना चाह रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का विकास तभी होगा, जब कृषि के साथ-साथ उद्योग का भी विकास हो और इस उद्योग में झारखंड के संसाधन (रिर्सोस) का उपयोग हो. यहां के रिर्सोस पर आधारित वेल्यू एडेड प्लांट स्थापित हो.
देश-विदेश में बदल रही है झारखंड की छवि
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के पास देश की 40 प्रतिशत खनिज संपदा है. मेहनतकश और योग्य मानवबल हैं. जरूरत है ‘मेक इन झारखंड’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने की. इसके लिए हमें बस अपना माइंडसेट बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश-विदेश में झारखंड की छवि बदल रही है. ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से न केवल राज्य में निवेश आयेगा, बल्कि यहां से लौट कर जानेवाले प्रतिनिधि राज्य की अच्छी छवि भी साथ ले जायेंगे. हम अपने राज्य की छवि को और बेहतर बनायें यह सभी का दायित्व है. उन्होंने कहा कि टीम झारखंड के कारण ही हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं. अधिकारी-कर्मचारी समर्पण और जुनून के साथ काम करें.
उद्योगपतियों के प्रति गलत धारणा न रखें अफसर
:मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि व्यापारी-उद्योगपति के प्रति गलत धारणा न रखें. वे अपनी जमा पूंजी लगाते हैं. लोगों को रोजगार देते हैं. लाभ दिखेगा तभी कोई हमारे यहां निवेश करेगा. निवेश से ही राज्य में सड़क एवं बिजली की ग्रीन फील्ड योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सकता है. यह भी स्पष्ट है कि सड़क और बिजली समाज की उन्नति का प्रतीक है.
उन्होंने कहा कि सड़क एवं बिजली के साथ-साथ स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ट्रांसमिशन लाइन इत्यादि में निवेश की आवश्यकता है. निवेश के लिए उद्यमियों/व्यापारियों के साथ अच्छा व्यवहार करें, सहयोग करें. आधारभूत संरचना एवं औद्योगिक विकास से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा. राज्य से पलायन रुकेगा. मजबूरी में राज्य के बाहर काम कर रहे अपने बच्चों को हम वापस लायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचना से प्रेरणा मिलती है और चुनौतियों से अवसर. संकीर्ण मानसिकता एवं संकुचित सोच से विकास कार्य में बाधा उत्पन्न होती है. इस सोच से उबर कर हम झारखंड को एक उन्नत प्रदेश बनाने की दिशा में पूरे मनोयोग से कार्य करें.
विभागवार सेमिनार आयोजित होंगे
दो दिनों तक चलनेवाले ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के दौरान सेक्टोरल सेमिनार भी आयोजित किये जायेंगे. इसमें 16 फरवरी को शहरी विकास व हाउसिंग, आइटी व इ-गर्वनेंस तथा ऊर्जा विभाग का सेमिनार होगा. 17 फरवरी को कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, सहकारिता, उद्योग, माइनिंग, टेक्सटाइल, गारमेंट, फूटवेयर, हाइयर एजुकेशन, स्कील डेवलेपमेंट, ऑटोमोबाइल व ऑटो कंपोनेंट और हेल्थ केयर पर सेमिनार होगा. इससे पहले 15 फरवरी को मुख्यमंत्री के द्वारा महत्वपूर्ण लोगों को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया गया है. समारोह के दौरान राजधानी में सुरक्षा और ट्रैफिक के विशेष इंतजाम किये जायेंगे. शहर का सुंदरीकरण किया जा रहा है. बैठक के दौरान सभी मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रधान सचिव, सचिव व वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
टाटा, बिड़ला समेत अन्य अतिथियों को परोसे जायेंगे झारखंडी व्यंजन
रांची : रेडिनस ब्लू में मुख्यमंत्री रघुवर दास 15 फरवरी को 150 उद्यमियों को डिनर पार्टी देंगे. इस पार्टी की सूची में रतन टाटा, कुमार मंगलम बिड़ला, गौतम अडाणी, सज्जन जिंदल, नवीन जिंदल, शशि रुइया, प्रशांत रुइया समेत जापान, ताइवान, ओमान के राजदूत व कई उद्यमी रहेंगे. उद्योग विभाग द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है.
रेडिसन ब्लू होटल द्वारा भी अतिथियों के स्वागत में कोई कसर न रह जाये, इसका खास ध्यान दिया जा रहा है. उद्योग विभाग द्वारा 1200 से 1600 रुपये तक प्रति प्लेट खर्च किया जायेगा. अतिथियों के समक्ष झारखंडी फूड परोसने की भी तैयारी चल रही है. खासकर धुसका, गुलगुला, अनरसा जैसे व्यंजन भी मेन्यू में शामिल किये गये हैं. इस दौरान गिरिडीह के केडिया बंधु सितार वादन पेश करेंगे. मुख्यमंत्री एक-एक कर उद्यमियों से मिलेंगे. उनके साथ डिनर करेंगे.
चांदी के चम्मच का प्रस्ताव हो चुका है खारिज : उद्योग निदेशक के रविकुमार ने कहा कि चांदी के चम्मच से भोजन कराने की बात बेबुनियाद है. तीन महीने पहले इवेंट पार्टनर सीआइअाइ ने ऐसा प्रस्ताव दिया था. पर विभाग द्वारा इसे अव्यावहारिक बता कर उसी समय खारिज कर दिया गया था.
सरकार बस यही चाहती है कि जो भी अतिथि आयें, यहां से अच्छी यादें लेकर जायें. जो अतिथि जिस तरह के खान-पान पसंद करते हैं, उसके अनुरूप ही भोजन की व्यवस्था की जा रही है. झारखंडी फूड भी मेन्यू में हैं, ताकि अतिथि यहां की संस्कृति से भी रूबरू हो सके. इधर रांची एयरपोर्ट अथॉरिटी भी मोमेंटम झारखंड को सफल बनाने में जुटा हुआ है. उद्योग निदेशक के रवि कुमार ने सोमवार को एयरपोर्ट जाकर वहां तैयारियों का जायजा भी लिया.
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