नक्शा के नाम पर ग्रामीण इलाकों में वसूली
रांची : निजी मकान व व्यावसायिक भवनों के नक्शा जांच के नाम पर नामकुम व अन्य ग्रामीण इलाके में वसूली की सूचना है. वसूली करने वाले खुद को रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरअारडीए) से संबद्ध बताते हैं तथा नक्शा जांच के लिए 1976 व उसके बाद की अधिसूचना का हवाला दिया जा रहा है. इस […]
रांची : निजी मकान व व्यावसायिक भवनों के नक्शा जांच के नाम पर नामकुम व अन्य ग्रामीण इलाके में वसूली की सूचना है. वसूली करने वाले खुद को रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरअारडीए) से संबद्ध बताते हैं तथा नक्शा जांच के लिए 1976 व उसके बाद की अधिसूचना का हवाला दिया जा रहा है. इस अधिसूचना में रांची शहर से सटे ग्रामीण अंचल के कई गांव अारआरडीए की सूची में शामिल किये गये थे. यानी यहां निर्माण कार्य से पहले आरआरडीए से नक्शा पास कराना जरूरी था. पर इस दौरान आरअारडीए कभी यह देखने नहीं अाया कि संबंधित गांवों में निर्माण कार्य नक्शा के मुताबिक हो रहा है या नहीं. यहां तक कि इन इलाकों में आज भी नये बन रहे भवन बिना नक्शा पास कराये बन रहे हैं. अब इसी के नाम पर भयादोहन हो रहा है.
सीअो करते थे नक्शा पास : अारआरडीए के क्षेत्र में किसी भी निजी या व्यावसायिक भवनों का निर्माण बगैर नक्शा पास कराये नहीं हो सकता. इधर कुछ वर्ष पहले तक ग्रामीण अंचलों के एेसे गांव या क्षेत्र, जो आरअारडीए के तहत अाते हैं, वहां का नक्शा संबंधित अंचलों के अंचलाधिकारी (सीअो) पास करते थे.
बैंक भी सीअो द्वारा पास किये गये आवासीय या व्यावसायिक भवनों के नक्शे को वैध मानते हुए ऋण देते रहे हैं. अब करीब दो वर्षों से सीअो नक्शा नहीं पास कर रहे तथा बैंक से लोन देना भी बंद है. इधर जानकारों का कहना है कि इससे पहले तक आरआरडीए के क्षेत्र वाले नक्शे सीअो किस कानून के तहत पास करते रहे, इसका पता नहीं है. यहां तक कि नगर विकास विभाग भी इस बारे में अनभिज्ञ है.
आरआरडीए क्षेत्र (1976 की अधिसूचना)
कांके अंचल : किशुनपुर, बूटी, डुमरदगा, खटंगा, होटवार, गाड़ी, लेम, बरगांई, बरियातू, चिरौंदी, बोड़ेया, अरसंडे, भिठा, पहाड़गोंदा (मिसिरगोंदा), चोनरी, कांके, सुकुरहुटू, कदमा, गारु, जयपुर, कोंगे, कामता, नवा-सोसो, पंडरा,चटकपुर, कमड़े, झिरी, सुंदिल, धानी-सोसो, मनातू, डहीसोट, सिमलिया, बजरा, बारियातू, बनहोरा, हेहल, मधुकम, हरमू, कोकर, तिरिल, मोरहाबादी, चंदवे, कटहरगोंदा (डनरगोंदा), हिसाल, कडरू, चेरी, टेंडर, पिर्रा, तिलता व डंडइ पुटकलटोली. नामकुम अंचल : बड़ाघाघरा, छोटा घाघरा, नामकुम, खिजरी, टुंबागुटू, लोधमा, पिंडारकोम, चुरु, एथे, मरियातू, चंदाघासी, कुटे टोली, हाथू, अोबरिया, टंके, हेसाग, तुपुदाना, गुंडु, पुंगरु, सुकरहुटू, हुलहुंडू, जोजोसिरिंग, बेरमोदी, जगन्नाथपुर, सिथिये, पिंडारकोम, बालसिरिंग, तिरिल, हटिया, महिलौंग, डुंगरी, आरा, बड़ाम, कवाली, बड़गांवा, जोरार, सिदरौल, सामलौंग, लोवाडीह, हिनू, हुंडरू व कुसई. रातू अंचल : गुटुवा, टुंडिल, होटवासी, हिसरी, अरगोड़ा, पुंदाग, मुरमा, कुटे, अनी, भुसुर, लाबेद, हरसेर, नचियातू, धुर्वा, लटमा व सतरंजी.
नोट : उपरोक्त में से कई इलाके बाद में नगर निगम में शामिल कर लिये गये हैं. वहीं, नगर विकास विभाग की दो मार्च 2012 की अधिसूचना के जरिये पहले से अारअारडीए में अधिसूचित 120 राजस्व ग्रामों के अलावा टाटीसिलवे सहित 234 अन्य राजस्व ग्रामों को भी आरआरडीए में शामिल कर लिया गया है.